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शारीरिक शक्ति-बल, आत्म शक्ति-वीर्य, पुरुष होने का अभिमान-पुरुषकार और इन सबका 卐 सम्मिलित रूप-पराक्रम कहा जाता है। (वृत्ति भाग-२ पृष्ठ ५२३)
Elaboration—The general meaning of avarodh is impediment, blockage or hurdle. But here the statement is in spiritual context. Therefore here it indicates impediment or blocking of good rebirth, good life-span, good karmic bondage, good association, and good power and potency through bad attitude and action. Parakram or valour is said to be the combination of bal (strength), virya (spiritual potency), and purushkar (ego of being a man; prowess). (Vritti part-2, p. 523) आजीव-सूत्र AJIVA-PAD (SEGMENT OF SUBSISTENCE)
७१. पंचविहे आजीवे पण्णत्ते, तं जहा-जातिआजीवे, कुलाजीवे, कम्माजीवे, सिप्पाजीवे, लिंगाजीवे।
७१. आजीवक (आजीविका करने वाले पुरुष) .पाँच प्रकार के होते हैं-(१) जात्याजीवक-अपनी ॐ ब्राह्मणादि जाति बताकर आजीविका करने वाला। (२) कुलाजीवक-अपना क्षत्रिय कुल आदि बताकर + आजीविका करने वाला। (३) कर्माजीवक-कृषि मजदूरी आदि से आजीविका करने वाला।
(४) शिल्पाजीवक-शिल्प आदि कला से आजीविका करने वाला। (५) लिंगाजीवक-साधुवेष आदि धारण 卐 कर आजीविका करने वाला।
71. Ajivak (those who subsist on something) is of five kinds(1) Jatyajivak-those who acquire means of subsistence by revealing their caste, such as Brahmin. (2) Kulajivak—those who acquire means of subsistence by revealing their clan, such as Kshatriya. (3) Karmajivakthose who acquire means of subsistence by working or doing physical labour. (4) Shilpajivak-those who acquire means of subsistence through art and craft. (5) Lingajivak-those who acquire means of subsistence through appearance or by dressing in the garb of a monk or other such
people. म राजचिह्न-सूत्र RAJACHINHA-PAD (SEGMENT OF REGAL SYMBOLS)
७२. पंच रायककुधा पण्णत्ता, तं जहा-खग्गं, छत्तं, उप्फेसं, पाणहाओ, बालवीअणे।
७२. राजचिह्न पाँच प्रकार के होते हैं-(१) खग (वीरता का प्रतीक), (२) छत्र (प्रजा रक्षा का के प्रतीक), (३) उष्णीष मुकुट (वैभव का प्रतीक), (४) उपानह-पाद-रक्षक, जूते (कठोर शासन का . प्रतीक)-(५) बाल व्यजन-चंवर (सुन्दरता व पर आक्रमण से रक्षा का प्रतीक)।
72. Rajachinha (regal symbols) are of five kinds--(1) Khadga (sword; fi sign of bravery), (2) Chhatra (umbrella; sign of protecting people), पंचम स्थान : प्रथम उद्देशक
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Fifth Sthaan: First Lesson
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