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)) ) ))) (3) Kunjaranika-elephant riders, (4) Vrishabhanika-bull riders and 2 (5) Rathanika--charioteers. 1 The commanders of these armies are as follows
(1) Laghuparakram-commander of foot soldiers, (2) Ashvaraj Mahavayu--commander of horse riders, (3) Hastiraj Pushpadantcommander of elephant riders, (4) Mahadamardhi-commander of bull riders and (5) Mahamathar-commander of charioteers.
६६. जहा सक्कस्स तहा सव्वेसिं दाहिणिल्लाणं जाव आरणस्स। ६७. जहा ईसाणस्स तहा सब्वेसिं उत्तरिल्लाणं जाव अच्चुतस्स।.
६६. जिस प्रकार देवराज देवेन्द्र शक्र के पाँच अनीक और पाँच अनीकाधिपति हैं, उसी प्रकार आरणकल्प तक के सभी दक्षिणेन्द्रों के भी संग्राम करने वाले पाँच-पाँच अनीक और पाँच-पाँच अनीकाधिपति हैं। ६७. जिस प्रकार देवराज देवेन्द्र ईशान के पाँच अनीक और पाँच अनीकाधिपति हैं। उसी प्रकार अच्युतकल्प तक के सभी उत्तरेन्द्रों के भी संग्राम करने वाले पाँच-पाँच अनीक और पाँच-पाँच अनीकाधिपति हैं।
66. As Shakra Devendra, the king of gods of first heaven has five armies and five commanders in the same way all overlords of south up to Aran kalp also have five armies and five commanders each. 67. As Ishan Devendra, the king of gods of second heaven has five armies and five commanders in the same way all overlords of north up to Achyut kalp also have five armies and five commanders each.
विवेचन-सूत्र ५७ से ६७ तक के सूत्रों में असुरों और वैमानिक देवों की सेना व सेनापतियों का वर्णन है। देव और असुर परस्पर विरोधी स्वभाव वाले हैं। उनमें जन्मना द्वेष भाव रहता है। जहाँ द्वेष व म सत्ता-मोह होता है, वहाँ युद्ध भी होता है। युद्ध के लिए सेना और सेनापति भी रखे जाते हैं। यहाँ जिज्ञासा है, देवताओं में हाथी-घोड़े आदि पशु होते हैं क्या? समाधान है, देव ही हाथी-घोड़े आदि के रूप धारण करके परस्पर युद्ध करते हैं। इसमें महत्त्व की बात ध्यान देने की है। असुरों में जहाँ 'महिष सेना' बताई है, वहाँ देवों में वृषभ सेना कही है। महिष-आलस्य, उन्माद, शक्ति की प्रबलता व तमोगुण का प्रतीक है, जबकि वृषभ-शक्ति, स्फूर्ति, श्रेष्ठता और सत्वगुण का प्रतीक है। उन्मादी असुर महिषरूप है और स्फूर्तिमय देव वृषभ रूप धारण कर युद्ध में भाग लेते हैं। (हिन्दी टीका भाग-२ पृष्ठ ६२)
Elaboration-Aphorisms 57-67 describe armies and commanders of Asura and Vaimanik gods. Devas and Asurs are of mutually opposite nature. They have mutual antagonism since birth. Aversion and ambition for power lead to wars. It is necessary to have armies and commanders to fight a war. Here a question arises-Do gods have 45 horses, elephants and other animals ? The answer is that the gods
पंचम स्थान : प्रथम उद्देशक
(121)
Fifth Sthaan : First Lesson
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