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चित्र परिचय ५ ।
Illustration No. 5
देव सेना और राजचिह्न असुर सेना पाँच प्रकार की होती है-(१) पादातानिक-पैदल सैनिक, (२) पीठानिक-अश्वारोही सेना, (३) कुंजरानीक-गजारोही सेना, (४) महिषानीकमहिषारोही सेना, तथा (५) रथानीक-रथारोही सेना।
देव सेना में प्रथम चार तो उसी प्रकार की सेना रहती है, महिष के स्थान पर उनकी सेना वृषभारोही होती है।
-स्थान ५, उ. १, सूत्र ५७-६५ पाँच राज चिह्न
(१) खड्ग-वीरता का प्रतीक, (२) छत्र-प्रजा रक्षा का प्रतीक, (३) मुकुट-वैभव का प्रतीक, (४) उपानह-कठोर शासन का प्रतीक, तथा (५) बँवर-सुन्दरता एवं पर-आक्रमण से रक्षा का प्रतीक।
-स्थान ५, उ. १, सूत्र ७२
ARMIES OF GODS AND ROYAL SYMBOLS
Asur army is of five kinds-(1) Padatanika-foot soldiers, (2) Pithanika-horse riders, (3) Kunjaranikaelephant riders, (4) Mahishanika-buffalo riders, and (5) Rathanika-charioteers.
In Deva army the only difference is that in place of buffalo riders there are Vrishabh (bull) riders.
-Sthaan 5, Lesson 1, Sutra 57-65 FIVE RAJACHINHA (REGAL SYMBOLS)
(1) Khadga (sword; sign of bravery), (2) Chhatra (umbrella; sign of protecting people), (3) Mukut (crown; sign of grandeur), (4) Upanah (shoes; sign of strict rule), and (5) Chamar (fanning whisks; sign of beauty and security).
-Sthaan 5, Lesson 1, Sutra 72
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