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குசுமிமிமிசுததமிழமிழதமிழததததமிதிமிதிததமிமிமிமிதமிழதமிழதழபூமித்தமிகமிக
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(१) कोई पुरुष दुर्गत ( दरिद्र) होता है और प्राप्त धन का दुर्व्यय करता है । (२) कोई दरिद्र होकर 5 भी धन का सद्व्यय करता है । (३) कोई धन-सम्पन्न होकर धन का दुर्व्यय करता है । (४) कोई धन5 सम्पन्न होकर धन का सद्व्यय करता है।
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of
(1) some man is durgat (poor) and durvyaya (spendthrift)
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h ( 2 ) some man is durgat but sadvyaya (doing useful expenditure), (3) some and
man is sugat (wealthy) but durvyaya, and (4) some man is sugat suvyaya also.
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Elaboration-The commentator (Tika) has given two
the term duvvaye-1. durvrat-deprived of good conduct, and
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2. durvyaya-one who misuses money, a spendthrift. Taking the second interpretation the four alternatives are as follows
सुपडियाणंदे । [ सुग्गए णाममेगे दुप्पडियाणंदे, सुग्गए णाममेगे सुप्पडियाणंदे ]।
४५७. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा - दुग्गए णाममेगे दुष्पडियाणंदे, दुग्गए णाममेगे
5
5 को न मानने वाला कृतघ्न) होता है। (२) कोई दुर्गत होकर भी सुप्रत्यानन्द (कृतज्ञ ) होता है। (३) कोई
होकर दुष्प्रत्यानन्द (कृतघ्न) होता है। (४) कोई सुगत और सुप्रत्यानन्द (कृतज्ञ ) होता है।
सुगत-सम्पन्न
फ्र
४५७. पुरुष चार प्रकार के होते हैं - (१) कोई पुरुष दुर्गत ( दरिद्र) और दुष्प्रत्यानन्द - (कृत उपकार
5 and dushpratyanand (uagrateful) also, ( 2 )
interpretations
457. Purush (men) are of four kinds – ( 1 ) some man is durgat (poor) फ्र
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5 सुग्गतिं
also,
some rnan is durgat but 5
supratyanand (grateful), (3) some man is sugat (wealthy) but dushpratyanand and (4) some man is sugat and supratyanand also. ४५८. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- दुग्गए णाममेगे दुग्गतिगामी, दुग्गए णाममेगे सुग्गतिगामी । [ सुग्गए णाममेगे दुग्गतिगामी, सुग्गए णाममेगे सुग्गतिगामी ] |
४५८. पुरुष चार प्रकार के होते हैं - (१) कोई पुरुष दुर्गत ( दरिद्र) और ( असद्कर्म करके ) - दुर्गतिगामी होता है। (२) कोई दुर्गत होकर भी ( शुभ कर्म करके ) - सुगतिगामी होता है । (३) कोई सुगत ( सम्पन्न) और दुर्गतिगामी होता है। (४) कोई सुगत और सुगतिगामी होता है।
458. Purush (men) are of four kinds-(1) some man is durgat (poor) and durgatigami (destined to a bad birth due to misdeeds) also, (2) some man is durgat but sugatigami (destined to a good birth due to good deeds), (3) some man is sugat (wealthy) but durgatigami, and (4) some man is sugat and sugatigami also.
चतुर्थ
४५९. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा- दुग्गए णाममेगे दुग्गतिं गते, दुग्गए णाममेगे गते । [ सुग्गए णाममेगे दुग्गतिं गते, सुग्गए णाममेगे सुग्गतिं गते ] |
स्थान
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Fourth Sthaan
फ्र
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