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451 454. Purush (men) are of four kinds(1) some man takes care of his
own livelihood and not of others (a selfish person), (2) some man takes care of livelihood of others and not his own (an altruistic person), (3) some man takes care of his own livelihood as well as that of others (a generous person), and (4) some man neither takes care of his own livelihood nor that of others (a lazy person). दुर्गत-सुगत-पुरुष-पद DURGAT-SUGAT-PURUSH-PAD (SEGMENT OF BAD OR GOOD STATE)
४५५. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-दुग्गए णाममेगे दुग्गए, दुग्गए णाममेगे सुग्गए, सुग्गए णाममेगे दुग्गए, सुग्गए णाममेगे सुग्गए।
४५५. पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष धन से भी दुर्गत (दरिद्र) होता है और ज्ञान, ॐ सदाचार आदि से भी दुर्गत (हीन) होता है, (२) कोई पुरुष धन से दुर्गत होता है, किन्तु ज्ञान आदि से
सुगत (सम्पन्न) होता है, (३) कोई पुरुष धन से सुगत होता है, किन्तु ज्ञान आदि से दुर्गत होता है, (४) कोई पुरुष धन से भी सुगत होता है और ज्ञान आदि से भी सुगत होता है।
455. Purush (men) are of four kinds—(1) some man is durgat (in bad or deprived state) in terms of wealth and durgat also in terms of virtues
like knowledge and good conduct, (2) some man is durgat in terms of 4 wealth and sugat (in good or endowed state) in terms of virtues like
knowledge and good conduct, (3) some man is sugat in terms of wealth and durgat in terms of virtues like knowledge and good conduct, and (4) some man is sugat in terms of wealth and sugat also in terms of virtues like knowledge and good conduct. . ४५६. चत्तारि पुरिसजाया पण्णत्ता, तं जहा-दुग्गए णाममेगे दुव्बए, दुग्गए णाममेगे सुब्बए,
सुग्गए णाममेगे दुव्बए, सुग्गए णाममेगे सुब्बए।
____४५६. पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष दुर्गत (दरिद्र) और दुर्बत (सदाचार से हीन) ॐ होता है। (२) कोई दुर्गत होकर भी सुव्रत होता है। (३) कोई सुगत, किन्तु दुर्बत होता है। (४) कोई सुगत और सुव्रत होता है।
456. Purush (men) are of four kinds-(1) some man is durgat (poor) and dururat (deprived of good conduct) also, (2) some man is durgat but suvrat (having good conduct), (3) some man is sugat (wealthy) but durvrat, and (4) some man is sugat and suvrat also. __ विवेचन-टीकाकार ने 'दुव्रत' शब्द के दो अर्थ किये हैं-(१) दुर्बत-सदाचार से हीन तथा
(२) दुर्व्यय-सम्पत्ति का दुरुपयोग व अपव्यय करने वाला है। तदनुसार चारों भंगों का अर्थ इस प्रकार ऊ किया जा सकता है
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स्थानांगसूत्र (१)
(554)
Sthaananga Sutra (1) 85555555555555555555555555555555
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