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555555555555555555555555555 E other feelings of attachments. (3) Arjava-simplicity and honesty. (4) Mardava-tenderness, gentleness and absence of pride.
72. There are four kinds of anupreksha (contemplation) of shukladhyana-(1) Anantavrittitanupreksha--to contemplate again and again about the eternality of the cycles of rebirth. (2) Viparinamanupreksha—to contemplate again and again about the incessantly transforming state of things. (3) Ashubhanupreksha-to fi contemplate again and again about the ills and evils of the world, body
and pleasures. (4) Apayanupreksha-to contemplate again and again about the faults caused by attachment and aversion. (for more details refer to Hindi Tika, pp. 680-690) देवस्थिति-पद DEV-STHITI-PAD (SEGMENT OF STATUS OF GODS)
७३. चउबिहा देवाण ठिती पण्णत्ता, तं जहा-देवे णाममेगे, देवसिणाए णाममेगे, देवपुरोहिए णाममेगे, देवपज्जलणे णाममेगे। म ७३. देवों की स्थिति (पद-मर्यादा) चार प्रकार की है-(१) देव-सामान्य देव। २) देव-स्नातक
प्रधान देव अथवा मंत्री-स्थानीय देव। (३) देव-पुरोहित-शान्तिकर्म करने वाले पुरोहित स्थानीय देव। 卐 (४) देव-प्रज्वलन-मंगल-पाठक चारण-स्थानीय देव।
___73. Dev-sthiti (status of gods) is of four kinds (1) Dev-ordinary god, 4 (2) Dev-snatak-chief-god or minister-god, (3) Dev-purohit-priest-god 卐 who conduct ritual pacification, and (4) Dev-prajvalan-bard-god who
sing auspicious songs. 卐 संवास-पद SAMVAS-PAD (SEGMENT OF SEXUAL GRATIFICATION)
७४. चउबिहे संवासे पण्णत्ते, तं जहा-देवे णाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छेज्जा, देवे म णाममेगे छवीए सद्धिं संवासं गच्छेज्जा, छवी णाममेगे देवीए सद्धिं संवासं गच्छेज्जा, छवी णाममेगे छवीए सद्धिं संवासं गच्छेज्जा।
७४. संवास (काम क्रीड़ा) चार प्रकार का है-(१) कोई देव देवी के साथ संवास करता है। (२) कोई देव छवि-(औदारिक शरीरी मनुष्यनी या तिर्यंचनी) के साथ संवास करता है। (३) कोई म छवि-(मनुष्य या तिर्यंच) देवी के साथ संवास करता है। (४) कोई छवि-(मनुष्य या तिर्यंच) छवी
(मनुष्यनी या तिर्यंचनी) के साथ संवास करता है। [ज्ञातासूत्र ९ में रत्नादेवी और जिनपाल की कथा, ॐ वैदिक ग्रंथों में भीम-अर्जुन-कर्ण आदि का जन्म, रंभा, मेनका और विश्वामित्र की कथाएँ उक्त तथ्य की ओर संकेत करती हैं।] |
74. Samvas (sexual gratification) is of four kinds—(1) Some god si copulates with a goddess. (2) Some god copulates with a chhavi (human
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चतुर्थ स्थान
(361)
Fourth Sthaan
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