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卐))))))))))))))))))))))भागागाभाभकर
ॐ वस्त्र की तरह पुरुष के साथ भी शुचि की चतुर्भंगी परिणत से लेकर पराक्रम पर्यन्त वृक्ष के भंग की
तरह योजना कर लेना चाहिए। म ४६. वस्त्र चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई वस्त्र प्रकृति से शुचि और शुचि-परिणत होता है,
(२) कोई वस्त्र प्रकृति से शुचि, किन्तु अशुचि-परिणत, (३) कोई वस्त्र प्रकृति से अशुचि, किन्तु # शुचि-परिणत, और (४) कोई वस्त्र प्रकृति से अशुचि और अशुचि-परिणत होता है। म इसी प्रकार पुरुष चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष शरीर से शुचि और शुचि-परिणत होता
है, (२) कोई शरीर से शुचि, किन्तु अशुचि-परिणत, (३) कोई शरीर से अशुचि, किन्तु शुचि-परिणत, 6 और (४) कोई शरीर से अशुचि और अशुचि-परिणत होता है। # ४७. वस्त्र चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई वस्त्र प्रकृति से शुचि और शुचि रूप वाला होता है, म (२) कोई प्रकृति से शुचि, किन्तु अशुचि रूप वाला, (३) कोई प्रकृति से अशुचि, किन्तु शुचि रूप वाला,
और (४) कोई प्रकृति से अशुचि और अशुचि रूप वाला होता है। प इसी प्रकार पुरुष भी चार प्रकार के होते हैं-(१) कोई पुरुष स्वभाव से शुचि (पवित्र) और शुचि
रूप वाला होता है, (२) कोई स्वभाव से शुचि, किन्तु अशुचि रूप वाला, (३) कोई स्वभाव से अशुचि, ऊ किन्तु शुचि रूप वाला, और (४) कोई स्वभाव से अशुचि और अशुचि रूप वाला होता है। + 45. Cloths are of four kinds-(1) Some cloth is shuchi (clean)
originally (made of clean fibres) and shuchi in present condition (after 55 cleaning). (2) Some cloth is clean originally but ashuchi (unclean) in 45 present condition (made dirty by use). (3) Some cloth is unclean 4 originally but clean in present condition. (4) Some cloth is unclean originally and in present condition as well.
In the same way men are of four kinds—(1) Some man is shuchi (clean) physically and shuchi in attitude as well. (2) Some man is clean physically but ashuchi (unclean) in attitude. (3) Some man is unclean physically but clean in attitude. (4) Some man is unclean physically and
in attitude as well.. 4 Like cloth the information about cleanliness of man also follows the
same pattern. From parinat to parakram four quads each should be read 45 as in case of tree. $i 46. Cloths are of four kinds—(1) Some cloth is shuchi (clean)
originally and shuchi parinat (clean in transformed condition). (2) Some
cloth is clean originally but ashuchi parinat (unclean in transformed 15 condition. (3) Some cloth is unclean originally but clean in transformed 卐 condition. (4) Some cloth is unclean originally and in transformed 4 condition as well.
भभभभभभभभभभभभ64555555555555555555558
चतुर्थ स्थान
(345)
Fourth Sthaan
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