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(2) Mattajala, and (3) Unmattajala. 343. In Jambu continent, to the west
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F of Mandar Mountain on the north of great river Sitoda flow three
धातकीषंड - पुष्करवर - पद DHATAKIKHAND PUSHKARVAR-PAD
fi intermediate rivers - ( 1 ) Kshiroda, (2) Simhasrota, and ( 3 ) Antarvahini. 5
344. In Jambu continent, to the west of Mandar Mountain on the south of great river Sitoda flow three intermediate rivers-(1) Urmimalini, (2) Phenamalini, and ( 3 ) Gambhiramalini. (for clarity see illustration No. 7,5 Sthaan 3, aphorism 268)
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(SEGMENT OF DHATAKIKHAND-PUSHKARVAR)
३४५. एवं धायइसडे दीवे पुरत्थिमद्धेवि अकम्मभूमीओ आढवेत्ता जाव अंतरणदीओत्ति णिरवसेसं भाणियव्वं जाव पुक्खरवरदीवडपच्चत्थिमद्धे तहेव णिरवसेसं भाणियव्वं ।
३४५. इसी प्रकार धातकीषण्ड तथा अर्धपुष्करवरद्वीप के पूर्वार्ध और पश्चिमार्ध में जम्बूद्वीप के समान तीन-तीन अकर्मभूमियाँ तथा अन्तर्नदियाँ आदि समस्त पद कहना चाहिए।
345. In the same way all the aforesaid details about three akarmabhumis, antarnadis and other geographical features of Jambu continent should be repeated for Dhatakikhand as well as eastern and western halves of Ardhapushkarvar continent.
भूकंप-पद ( भूकम्प के मुख्य कारण ) BHUKAMP-PAD (SEGMENT OF EARTHQUAKE)
३४६. तिहिं ठाणेहिं देसे पुढवीए चलेज्जा, तं जहा
(१) अहे णं इमीसे रयणप्पभाए पुढवीए उराला पोग्गला णिवतेज्जा । तते णं उराला पोग्गला णिवतमाणा देसं पुढवीए चलेज्जा । (२) महोरगे वा महिड्डीए जाव महेसक्खे इमीसे रयणष्पभाए पुढवीए अहे उम्मज्ज - णिमज्जियं करेमाणे देतं पुढवीए चलेज्जा । (३) णागसुवण्णाण वा संगामंसि वट्टमाणंसि देसं पुढवीए चलेज्जा ।
तृतीय स्थान
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इच्चेतेहिं तिहिं ठाणेहिं देसे पुढवीए चलेज्जा ।
३४६. तीन कारणों से पृथ्वी का एक देश (एक भाग) चलित (कम्पित) होता है
(१) इस रत्नप्रभा नाम की पृथ्वी के निचले भाग में जब स्वभाव परिणत स्थूल पुद्गल आकर फ्र टकराते हैं, तब उनके टकराने से पृथ्वी का एक देश चलित हो जाता है । (२) महर्द्धिक, महाद्युति, महाबल तथा महानुभाव महेश नामक महोरग व्यन्तरदेव रत्नप्रभा पृथ्वी के नीचे उन्मज्जन- निमज्जन (ऊपर-नीचे आवागमन) करता हुआ पृथ्वी के एक देश को चलायमान कर देता है। (३) नागकुमार 5 और सुपर्णकुमार जाति के भवनवासी देवों का परस्पर संग्राम होने पर पृथ्वी का एक देश चलायमान हो
जाता है।
(287)
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Third Sthaan
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