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Elaboration-Alochana means to reveal frankly the faults committed during alms collection and other such routine activity. To earnestly wish 5 'michchhami dukkadam' ( may my improper actions be without 5 consequence or may my faults be undone) after a critical review of faults is pratikraman. To do both is tadubhaya.
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5 अकर्मभूमि- पद AKARMA BHUMI-PAD (SEGMENT OF LAND OF NO WORK)
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5 पण्णत्ताओ, तं जहा - उत्तरकुरा, रम्मगवासे, हेरण्णवए ।
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३३१. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं तओ अकम्मभूमीओ पण्णत्ताओ, तं जहा
हेमवते, हरिवासे, देवकुरा । ३३२. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं तओ अकम्मभूमीओ
३३१. जम्बूद्वीप द्वीप में मन्दर पर्वत के दक्षिण भाग में तीन अकर्मभूमियाँ हैं (यहाँ युगलिया रहते
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फ्र हैं) - (१) हैमवत, (२) हरिवर्ष, और (३) देवकुरु । ३३२. जम्बूद्वीप द्वीप में मन्दर पर्वत के उत्तर भाग फ्र
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5 में तीन अकर्मभूमियाँ हैं - ( १ ) उत्तरकुरु, (२) रम्यक्वर्ष, और (३) हैरण्यवत ।
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331. In Jambu continent, to the south of Mandar mountain, there are three akarma-bhumis (where yugaliyas or twins, growing to be mates, live) namely-(1) Haimavat, (2) Harivarsh, and (3) Devakuru. 332. In 5 Jambu continent, to the north of Mandar mountain, there are three akarma-bhumis-(1) Uttar-kuru, (2) Ramyak-varsh, and (3) Hairanyavat. वर्ष - (क्षेत्र) - पद VARSH-PAD (SEGMENT OF VARSH)
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३३३. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं तओ वासा पण्णत्ता, तं जहा-भरहे, हेमवए, हरिवासे । ३३४. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं तओ वासा पण्णत्ता, तं जहारम्मगवासे, हेरण्णवते, एरवए ।
३३३. जम्बूद्वीप द्वीप में मन्दर पर्वत के दक्षिण भाग में तीन वर्ष (क्षेत्र) हैं - (१) भरत, (२) हैमवत, और (३) हरिवर्ष । ३३४. जम्बूद्वीप द्वीप में मन्दर पर्वत के उत्तर भाग में तीन वर्ष हैं- फ्र (१) रम्यक्वर्ष, (२) हैरण्यवत, और (३) ऐरवत ।
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333. In Jambu continent, to the south of Mandar mountain, there are three 5 Varshas (land areas of sub-continental size ) - ( 1 ) Bharat, ( 2 ) Haimavat, and 5 (3) Harivarsh. 334. In Jambu continent, to the north of Mandar mountain, there are three Varshas-(1) Ramyak-varsh, (2) Hairanyavat, and (3) Airavat. वर्षधर - पर्वत - पद VARSHDHAR PARVAT-PAD (SEGMENT OF VARSHADHAR MOUNTAIN) ३३५. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणे णं तओ वासहरपव्वता पण्णत्ता, तं जहाचुल्लहिमवंते, महाहिमवंते, णिसढे । ३३६. जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स उत्तरे णं तओ वासहरपव्यत्ता पण्णत्ता, तं जहा - णीलवंते, रुप्पी, सिहरी ।
स्थानांगसूत्र (१)
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Sthaananga Sutra (1) 卐
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