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कुछ प्रतियों में 'दण्ड' के स्थान पर 'प्रदान' पाठ मिलता है। प्रतिपक्षी को किसी प्रकार का
यथोचित
5 पुरस्कार सन्मान, अर्थलाभ आदि देना प्रदान है। इस संदर्भ में टीकाकार ने प्राचीन नीति का एक श्लोक भी उद्धृत किया है—
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5 करके वश में करना चाहिए।
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Elaboration-The means employed for gaining territory and wealth
are called arth-yoni. There are four popular means employed in political pursuits-saam, daam, dand and bhed. This aphorism ignores daam (bribery) out of the four. If the adversary is strong and powerful, policy of 5 saam (conciliation) is employed.
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(३) सम्बन्ध समाख्यान - अपने कुल क्रमागत स्नेह सम्बन्धों का उल्लेख करना ।
(४) आयति संप्रकाशन - भविष्य के सुनहरे स्वप्न दिखाना ।
(५) अर्पण - प्रतिपक्षी के सामने समर्पण कर देना या पारस्परिक एकता बताना ।
साम नीति सफल न होने पर दण्ड नीति का प्रयोग किया जाता है। दण्ड के तीन भेद हैं- ( १ ) वध - शत्रु का वध करना, (२) परिक्लेश - अन्य उपायों से क्लेश पहुँचाना, (३) धनहरण - शत्रु अधिक हो तो उसका धन हरण कर लेना ।
दुर्बल
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भेद नीति के तीन प्रकार हैं - ( १ ) स्नेहरागापन - शत्रु से प्रेम सम्बन्ध तोड़ना । (२) संहर्षोत्पादनप्रतिस्पर्धा पैदा करना । (३) संतर्जन - शत्रु की तर्जना या भर्त्सना करना ।
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- बड़ों को नमस्कार से, वीर को भेद डालकर, नीच को कुछ देकर तथा बराबर वाले को युद्ध
उत्तमं प्रणिपातेन शूरं भेदेन योजयेत् । नीचमल्पप्रदानेन समं तुल्य पराक्रमैः ।
The commentator (Vritti) has compiled the then prevalent ethical
norins and found five methods of conciliation (saam)
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(1) Parasparopakar darshan-mention of mutual obligations.
(2) Guna kirtan - to sing in praise of the adversary.
(3) Sambandh samakhyan-to mention about harmonious and amicable family relationship.
(4) Aayati samprakashan - to show golden dreams of future.
(5) Arpan—to surrender or enumerate mutual unity.
Policy of threat (dand) is employed when efforts of conciliation fail.
Threat is of three kinds-(1) vadh-to kill the enemy, (2) pariklesh-to
स्थानांगसूत्र (१)
Sthaananga Sutra (1)
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