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280. Ihalaukik vyavasaya is of three kinds-laukik (worldly), Vedic fi (according to the Vedas) and samayik (according to the word of the fi Omniscient; the Jain way).
२८१. लोइए ववसाए तिविहे पण्णत्ते, तं जहा-अत्थे, धम्मे, कामे। क २८१. लौकिक व्यवसाय तीन प्रकार का है-अर्थव्यवसाय, धर्मव्यवसाय और कामव्यवसाय। - 281. Laukik vyavasaya is of three kinds-arth vyavasaya (pursuit of fi money), dharma vyavasaya (pursuit of religion) and karna vyavasaya
(pursuit of carnal pleasures). * २८२. वेइए ववसाए तिविहे पण्णत्ते, तं जहा-रिउव्वेदे, जउव्वेदे, सामवेदे। की २८२. वैदिक व्यवसाय तीन प्रकार का है-ऋग्वेद, यजुर्वेद और सामवेद व्यवसाय (अर्थात् इन
वेदों के अनुसार किया जाने वाला अनुष्ठान।) fi 282. Vedic vyavasaya is of three kinds—Rituals performed according Fito--Rigved, Yajurved and Saamved. 2 २८३. सामइए ववसाए तिविहे पण्णत्ते, तं जहा-णाणे, दंसणे, चरित्ते।
२८३. सामयिक (श्रमणों का) व्यवसाय तीन प्रकार का है-(१) ज्ञान, (२) दर्शन, और (३) चारित्र व्यवसाय। f. 283. Samayik vyavasaya is of three kinds—pursuit of (1) jnana (right
knowledge), (2) darshan (right perception/faith), and (3) chaaritra (right conduct). अर्थ-योनि-पद ARTH-YONI-PAD (SEGMENT OF ACQUISITION OF WEALTH)
२८४. तिविहा अत्थजोणी पण्णत्ता.तं जहा-सामे. दंडे. भेदे। २८४. अर्थयोनि तीन प्रकार की है-(१) सामयोनि, (२) दण्डयोनि, और (३) भेदयोनि।
284. Arth-yoni (means of acquisition of wealth) is of three kindsfi (1) saam-yoni (conciliation), (2) dand-yoni (threat), and (3) bhed-yoni fi (guile). # विवेचन-राज्य व लक्ष्मी आदि की प्राप्ति के लिए जो उपाय किये जाते हैं, उन्हें अर्थयोनि कहते हैं। के राजनीति में इसके लिए साम, दाम, दण्ड और भेद इन चार उपायों का उपयोग प्रसिद्ध है। प्रस्तुत सूत्र में
दाम को छोड़कर शेष तीन उपायों का उल्लेख किया है। यदि प्रतिपक्षी अपने से अधिक बलवान व में समर्थ हो तो उसके साथ सामनीति का प्रयोग किया जाता है।
वृत्तिकार ने तत्कालीन प्रचलित नीतियों का संग्रह करके साम के पाँच भेद बताये हैं(१) परस्परोपकार दर्शन-परस्पर किये हुए उपकार का वर्णन करना। (२) गुण कीर्तन-प्रतिपक्षी के गुणों का वर्णन करना।
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तृतीय स्थान
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Third Sthaan
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