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२४२. अमन तीन प्रकार का होता है-(१) नोतन्मन-लक्ष्य में नहीं लगा हुआ मन। 卐 (२) नोतदन्यमन-अलक्ष्य में नहीं लगा अर्थात् लक्ष्य में लगा हुआ मन। (३) अमन-मन की अप्रवृत्ति (सुषुप्ति या मूर्च्छित दशा में पड़ा मन)।
241. Man (mind) is of three kinds(1) tanman-mind involved with a goal. (2) Tadanyaman-mind involved away from goal. (3) No-amanaimless mind or a mind caught in ambiguities.
242. Aman (negative mind) is of three kinds—(1) no-tanman-mind 45 not involved with a goal. (2) No-tadanyaman-mind not involved away
from goal; in other words mind involved with a goal. (3) Aman卐 inactivity of mind (state of slumber or unconsciousness). * वृष्टि-पद (अल्पवृष्टि एवं महावृष्टि के कारण) 41 VRISHTI-PAD (SEGMENT OF RAIN—CAUSE OF LIGHT AND HEAVY RAINFALL)
२४३. तिहिं ठाणेहिं अप्पवुट्टीकाए सिया, तं जहा-- 卐 (१) तस्सिं च णं देसंसि वा पदेसंसि वा णो बहवे उदगजोणिया जीवा य पोग्गला य उदगत्ताते प्रवक्कमंति विउक्कमति चयंति उववज्जंति। ॐ (२) देवा णागा जक्खा भूता णो सम्ममाराहिता भवंति, तत्थ समुट्ठियं उदगपोग्गलं परिणतं म वासितुकामं अण्णं देसं साहरंति।
(३) अब्भवद्दलगं च णं समुट्टितं परिणतं वासितुकामं वाउकाए विधुणति। ___ इच्चेतेहिं तिहिं ठाणेहिं अप्पवुट्ठिकाए सिया।
२४३. तीन कारणों से अल्पवृष्टि होती है
(१) जब उस देश या प्रदेश में बहुत से उदक योनिक जीव और पुद्गल उदक रूप में उत्पन्न नहीं ऊ हुए हों।
(२) जब देव, नाग, यक्ष या भूत सम्यक् प्रकार से आराधित न किये गये हों, तब उस देश में 5 उत्पन्न, वर्षा में परिणत तथा बरसने ही वाले उदक-पुद्गलों (मेघों) का उनके द्वारा अन्य देश में संहरण कर लेने से।
(३) जब बरसने को तैयार हुए बादलों को वायुकाय छि-भिन्न कर देता हो। 243. There are three reasons of alpavrishti (light rainfall)--
(1) When in that country or state not many water-bodied beings and particles are born or created in the form of water.
(2) When not properly worshipped gods, naag, yaksh or bhoot sweep away the water particles created in that area and transformed into rain clouds.
(3) When air-bodied beings disperse the rain bearing clouds about to rain.
स्थानांगसूत्र (१)
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Sthaananga Sutra (1)
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