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through searing pain. 130. The infernal beings of first, second and third 4 hell experience searing pain. * सम-पद SAM-PAD (SEGMENT OF EQUALITY)
१३१. तओ लोगे समा सपक्खिं सपडिदिसिं पण्णत्ता, तं जहा-अप्पइट्ठाणे णरए, जंबुद्दीवे दीवे, सबसिद्धे विमाणे।
१३१. लोक में तीन क्षेत्र समान-(प्रमाण की दृष्टि से एक लाख योजन विस्तीर्ण), सपक्ष-(समश्रेणी ऊ की दृष्टि से उत्तर-दक्षिण समान पार्श्व वाले) और सप्रतिदिश-(विदिशाओं में समान) हैं-(१) सातवीं
पृथ्वी का अप्रतिष्ठान नामक नारकावास, (२) जम्बूद्वीप नामक द्वीप, और (३) सर्वार्थसिद्ध नामक ॐ अनुत्तर विमान।
131. In Lok (universe) three areas are samaan (equal in size; one hundred thousand Yojans in area), sapaksh (having similar sides; left and right) and sapratidash (same in intermediate directions)-(1) the Apratishthan section of dwellings in the seventh hell, (2) the continent called Jambudveep, and (3) Sarvarthasiddha Anuttar Vimaan (a specific divine dimension).
१३२. तओ लोगे समा सपक्खिं सपडिदिसिं पण्णत्ता, तं जहा-सीमंतए णं णरए, समयक्खेत्ते, ईसीपब्भारा पुढवी।
१३२. लोक में तीन समान-(प्रमाण की दृष्टि से पैंतालीस लाख योजन विस्तीर्ण), सपक्ष और सप्रतिदिश होते हैं-(१) सीमान्तक-(पहली नरक भूमि के पहले प्रस्तर का) नारकावास, (२) समयक्षेत्र(मनुष्यक्षेत्र-अढाई द्वीप), और (३) ईषत्प्राग्भारापृथ्वी (सिद्धशिला)। ___132. In Lok (universe) three areas are samaan (equal in size; forty five hundred thousand Yojans in area), sapaksh (having similar sides;
left and right) and sapratidash (same in intermediate directions) 45 (1) the Simantak section of dwellings in first level of the first hell, 45
(2) Samayakshetra (area of human habitation or Adhai Dveep), and (3) Ishatpragbhara Prithvi (Siddhashila). समुद्र-पद SAMUDRA-PAD (SEGMENT OF SEAS)
१३३. तओ समुद्दा पगईए उदगरसा पण्णता, तं जहा-कालोदे, पुक्खरोदे, सयंभुरमणे। १३४. तओ समुद्दा बहुमच्छकच्छमाइण्णा पण्णत्ता, तं जहा-लवणे, कालोदे, सयंभुरमणे।
१३३. तीन समुद्र प्रकृति से उदक रस वाले (पानी जैसे स्वाद वाले) हैं-(१) कालोद, (२) पुष्करोद, E और (३) स्वयंभूरमण समुद्र। १३४. तीन समुद्र बहुत मत्स्यों और कछुओं आदि जलचर जीवों से व्याप्त 卐 हैं-(१) लवणोद, (२) कालोद, और (३) स्वयंभूरमण समुद्र (अन्य समुद्रों में जलचर जीव थोड़े हैं)।
听听听听听听听听听听听听听听听听。
स्थानांगसूत्र (१)
(212)
Sthaananga Sutra (1)
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