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three Palyopam (a metaphoric unit of time). 116. The same is also true
for the eastern and western halves of Dhatakikhand and Fi Pushakaravardveepardh continents. । शलाकापुरुष-वंश-पद SHALAKA-PURUSH-VAMSH-PAD
(SEGMENT OF LINEAGE OF EPOCH MAKERS) ११७. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगमेगाए ओसप्पिणि-उस्सप्पिणीए तओ वंसाओ । उप्पज्जिंसु वा उप्पज्जंति वा उप्पज्जिस्संति वा, तं जहा-अरहंतवंसे, चक्कवट्टिवंसे, दसारवंसे। ११८. एवं जाव पुक्खरवरदीवद्धपच्चत्थिमद्धे।
११७. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र में प्रत्येक अवसर्पिणी तथा उत्सर्पिणी काल में तीन वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे-(१) अरहन्त-वंश, (२) चक्रवर्ती-वंश, और (३) दसार-वंश। ११८. इसी प्रकार धातकीषण्ड तथा पुष्करवरद्वीपार्ध के पूर्वार्ध और पश्चिमार्ध में तीन वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं तथा उत्पन्न होंगे।
117. In Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas in every Avasarpini and Utsarpini (half-cycles of time) there were, are and will be three lineages-(1) Arhant lineage, (2) Chakravarti lineage, and (3) Dashar (Baladev and Vasudev) lineage. 118. The same is also true for the eastern and western halves of Dhatakikhand and Pushakaravardveepardh continents. शलाकापुरुष-पद SHALAKA-PURUSH-PAD (SEGMENT OF EPOCH MAKERS)
११९. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगमेगाए ओसप्पिणी-उस्सप्पिणीए तओ , उत्तमपुरिसा उप्पज्जिंसु वा उप्पजंति वा उप्पज्जिस्संति वा, तं जहा-अरहंता, चक्कवट्टी, बलदेववासुदेवा। १२०. एवं जाव पुक्खरवरदीवद्धपच्चत्थिमद्धे।
११९. जम्बूद्वीप द्वीप के भरत और ऐरवत क्षेत्र में प्रत्येक अवसर्पिणी तथा उत्सर्पिणी में तीन प्रकार के उत्तम पुरुष उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे-(१) अरहन्त, (२) चक्रवर्ती, और (३) बलदेव-वासुदेव। १२०. धातकीषण्ड तथा पुष्करवरद्वीपा के पूर्वार्ध और पश्चिमार्ध में भी इसी प्रकार जानना चाहिए।
119. In Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas in every Avasarpini and Utsarpini (half-cycles of time) there were, are and will be 451 I born three kinds of uttam purush (best among men) (1) Arhant,
(2) Chakravarti, and (3) Baladev and Vasudev. 120. The same is also true for the eastern and western halves of Dhatakikhand and Pushakaravardveepardh continents.
| तृतीय स्थान
(209)
Third Sthaan
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