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+ ९१. तिविहा उस्सप्पिणी पण्णत्ता, तं जहा-उक्कोसा, मज्झिमा, जहण्णा। ९२. एवं छप्पि समाओ भाणियब्बाओ जाव सुसम--सुसमा।
८९. अवसर्पिणी तीन प्रकार की है-(१) उत्कृष्ट, (२) मध्यम, और (३) जघन्य। ९०. इसी ॐ प्रकार १ सुसम-सुसमा से क्रमशः ६ दुःषम-दुःषमा तक छहों आरों के उत्कृष्ट, मध्यम और जघन्य यों
तीन-तीन भेद जानना चाहिए। म ९१. उत्सर्पिणी तीन प्रकार की है-(१) उत्कृष्ट (अन्य अवसर्पिणियों की अपेक्षा उत्तम), + (२) मध्यम (सामान्य), और (३) जघन्य (अन्य की अपेक्षा निकृष्टतम)। ९२. इसी प्रकार १ दुःषमऊ दुःषमा से क्रमशः ६ सुसम-सुसमा तक छहों आरों के उत्कृष्ट, मध्यम और जघन्य भेद जानना चाहिए।
89. Avasarpini (regressive half-cycle of time) is of three kinds(1) utkrisht (superior), (2) madhyam (mediocre), and (3) jaghanya (inferior). 90. In the same way three kinds each--superior, mediocre and inferior-should be read for each of the six aras (epochs or divisions of the time cycle) from (1) Sukham-sukhama to (6) Dukham-dukhama.
91. Utsarpini (progressive half-cycle of time) is of three kinds(1) utkrisht (superior), (2) madhyam (mediocre), and (3) jaghanya 9 (inferior). 92. In the same way three kinds each-superior, mediocre and 51 inferior-should be read for each of the six aras (epochs or division
the time cycle) from (1) Dukham-dukhama to (6) Sukham-sukhama. अच्छिन्न पुद्गल-चलन-पद ACHCHHINNA PUDGAL-CHALAN-PAD
(SEGMENT OF MOVEMENT OF ATTACHED PARTICLE) ९३. तिहिं ठाणेहिं अच्छिण्णे पोग्गले चलेज्जा, तं जहा-आहारिज्जमाणे वा पोग्गले चलेज्जा, विकुब्बमाणे वा पोग्गले चलेज्जा, ठाणाओ वा ठाणं संकामिज्जमाणे पोग्गले चलेज्जा।
९३. अच्छिन्न पुद्गल (स्कन्ध के साथ संलग्न पुद्गल परमाणु) तीन कारणों से चलित-(अपने क स्थान से च्युत) होता है-(१) जीवों के द्वारा आहार के लिए चलित किये जाने पर, (२) विक्रियमाणॐ वैक्रिय शरीरादि का निर्माण किये जाने पर, और (३) एक स्थान से दूसरे स्थान पर संक्रमित होने पर (हाथ आदि द्वारा हटाने पर) चलित होता है।
93. Achchhinna pudgal (ultimate particle of matter attached to an aggregate or molecule) moves from its place (chalit) for three reasons(1) when it is forced to move by living beings for food intake, (2) during
creation of vaikriya sharira (transmutable body), and (3) when shifting $i (or being shifted) from one place to another.
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स्थानांगसूत्र (१)
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Sthaananga Sutra (1)
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