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मरकर नीचे की ओर सातवीं पृथ्वी के
४४८. सुभूम (७) और ब्रह्मदत्त (१२) दो चक्रवर्ती काम-भोगों को छोड़े बिना मरणकाल में अप्रतिष्ठान नरक में नारकी रूप से उत्पन्न हुए। (दोनों का विस्तृत
कथानक उत्तराध्ययनसूत्र, अध्ययन १३ में देखें)
448. Two Chakravartis died without renouncing mundane pleasures at the time of their death and were reborn as naarakis (infernal beings) in the Apratishthan narak of the seventh infernal land towards Nadir. (for detailed story of these two refer to Illustrated Uttaradhyayan Sutra, 5 chapter 13)
देव - पद DEV-PAD (SEGMENT OF GODS)
४४९. असुरिंदवज्जियाणं भवणवासीणं देवाणं उक्कोसेणं देसूणाई दो पलिओ माई टिती पण्णत्ता । ४५०. सोहम्मे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं दो सागरोवमाइं ठिती पण्णत्ता । ४५१. ईसाणे कप्पे देवाणं उक्कोसेणं सातिरेगाई दो सागरोवमाई ठिती पण्णत्ता । ४५२. सणकुमारे कप्पे देवाणं जहणणं दो सागरोवमाइं ठिती पण्णत्ता । ४५३. माहिंदे कप्पे देवाणं जहण्णेणं साइरेगाई दो सागरोवमाइंठिती पण्णत्ता ।
४५४. दो कप्पे कप्पित्थियाओ पण्णत्ताओ, तं जहा- सोहम्मे चेव, ईसाणे चेव ।
४४९. असुरकुमारों और उनके चमर एवं बलि इन दो असुरेन्द्रों को छोड़कर शेष भवनवासी देवों की उत्कृष्ट स्थिति कुछ कम दो पल्योपम की है । ४५०. सौधर्मकल्प में देवों की उत्कृष्ट स्थिति दो सागरोपम की है । ४५१. ईशानकल्प में देवों की उत्कृष्ट स्थिति दो सागरोपम से कुछ अधिक ४५२. सनत्कुमारकल्प में देवों की जघन्य स्थिति दो सागरोपम है । ४५३. माहेन्द्रकल्प में देवों की जघन्य स्थिति दो सागरोपम से कुछ अधिक है।
४५४. दो कल्पों में कल्पस्त्रियाँ (देवियाँ) होती हैं- सौधर्मकल्प में और ईशानकल्प में ।
449. Besides Asur Kumars and their two overlords Chamar and Bali, the maximum life span of all the Bhavanvasi gods is a little less than two Palyopam (a metaphoric unit of time ). 450. The maximum life span of gods in Saudharm Kalp is two Sagaropam (a metaphoric unit of time). 451. The maximum life span of gods in Ishan Kalp is a little more than two Sagaropam (a metaphoric unit of time ). 452. The minimum life span of gods in Sanatkumar Kalp is two Sagaropam (a metaphoric unit of time). 453. The minimum life span of gods in Mahendra Kalp is a little more than two Sagaropam (a metaphoric unit of time).
454. Two kalps (a class of divine dimension or heaven) have kalp-stris ( goddesses ) - Saudharm Kalp and Ishan Kalp.
द्वितीय स्थान
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Second Sthaan
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