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-गानामा
55555555555555555554))))))))) # समय में, एक युग में चक्रवर्तियों के दो वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे। म ३११. जम्बूद्वीप द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में एक समय में, एक युग में दो दशार (बलदेव
वासुदेव) वंश उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे। F 309. In Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas at one time during F one era there were, are and will be two lineages of Arhants. 310. In
Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas at one time during one era there were, are and will be two lineages of Chakravartis. 311. In Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas at one time during one era there vere, are and will be two lineages of Dashars (Baladev and Vasudev).
शलाका-पुरुष-पद SHALAKA-PURUSH-PAD (SEGMENT OF EPOCH MAKERS) __ ३१२. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो अरहंता उप्पज्जिंसु ५ पज्जंति वा उप्पज्जिस्संति वा। ३१३. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो चक्कवट्टी उप्पज्जिंसु वा उप्पाजंति वा उप्पज्जिस्संति वा। ३१४. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो बलदेवा उप्पजिंसु वा उप्पज्जंति वा उप्पज्जिस्संति वा। ३१५. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो वासुदेवा उप्पजिंसु वा उप्पज्जति वा उप्पज्जिस्संति वा।
३१२. जम्बूद्वीप द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में एक समय में, एक युग में दो अरहन्त उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे। ३१३. जम्बूद्वीप द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में एक समय में, एक युग में दो चक्रवर्ती उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे। ३१४. जम्बूद्वीप द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में एक समय में, एक युग में दो बलदेव उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे। ३१५. जम्बूद्वीप द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में एक समय में, एक युग में दो वासुदेव उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे। ___312. In Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas at one time during one era there were, are and will be two Arhants. 313. In Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas at one time during one era there were, are and will be two Chakravartis. 314. In Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas at one time during one era there were, are and will be two Baladevas. 315. In Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas at one time during one era there were, are and will be two Vasudevas.
विवेचन-सूत्र ३०९ से ३११ का भाव यह है कि जिस समय में भरत क्षेत्र में अरिहंत, चक्रवर्ती और बलदेव, वासुदेव उत्पन्न होते हैं, उसी समय ऐरवत क्षेत्र में भी उत्पन्न होते हैं। दोनों क्षेत्रों की दृष्टि से दो वंश कहे गये हैं। भरत क्षेत्र में तीर्थंकरों के कल्याणकों में सर्वप्रथम शक्रेन्द्र तथा ऐरवत क्षेत्र में ईशानेन्द्र सम्मिलित होते हैं। भरत क्षेत्र में एक अवसर्पिणी में २४ तीर्थंकर, १२ चक्रवर्ती, नव बलदेव, नव वासुदेव, नव प्रतिवासुदेव होते हैं।
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द्वितीय स्थान
(129)
Second Sthaan
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