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%%% %%%%%%%%% %%%%%%%%%% %%% %%%%%%%%%% 1 time) was two koda-kodi Sagaropam (a metaphoric unit of time). 305. In 41 Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas the length of Sukham- $1 dukhama ara (epoch of more happiness than sorrow) of the coming 4 Utsarpini (progressive half-cycle of time) will be two koda-kodi
Sagaropam (a metaphoric unit of time). म ३०६. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु तीताए उस्सप्पिणीए सुसमाए समाए मणुया दो
गाउयाइं उडं उच्चत्तेणं होत्था, दोण्णि य पलिओवमाइं परमाउं पालइत्था। ३०७. एवमिमीसे म ओसप्पिणीए जाव पालइत्था। ३०८. एवमागमेस्साए उस्सप्पिणीए जाव पालयिस्संति। म ३०६. जम्बूद्वीप द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में अतीत (भूतकाल) उत्सर्पिणी के सुषम-आरे में + मनुष्यों की ऊँचाई दो गव्यूति (गाऊ) की थी और उनकी उत्कृष्ट आयु दो पल्योपम की थी। ३०७. इसी
प्रकार जम्बूद्वीप द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में वर्तमान अवसर्पिणी के सुषमा नामक आरे में मनुष्यों 卐 की ऊँचाई दो गव्यूति (कोश) की थी और उनकी उत्कृष्ट आयु दो पल्योपम की थी। ३०८. इसी प्रकार
यावत् आगामी उत्सर्पिणी के सुषमा नामक आरे में मनुष्यों की ऊँचाई दो गव्यूति (कोश) और उत्कृष्ट ॐ आयु दो पल्योपम की होगी।
306. In Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas the height of 15 humans of Sukhama ara (epoch of happiness) of the past Utsarpini was 1 two gavyuti (a unit of two miles) and their maximum life span was two 卐 palyopam (a metaphoric unit of time). 307. In Jambu Dveep in Bharat
and Airavat areas the height of humans of Sukhama ara (epoch of
happiness) of the current Avasarpini was two gavyuti (two miles) and 55 their maximum life span was two palyopam (a metaphoric unit of time). 4 308. In Jambu Dveep in Bharat and Airavat areas the height of humans
of Sukhama ara (epoch of happiness) of the coming Utsarpini will be two gavyuti (two miles) and their maximum life span will be two palyopam (a metaphoric unit of time). शलाका-पुरुष-वंश-पद SHALAKA-PURUSH-VAMSH-PAD
(SEGMENT OF LINEAGE OF EPOCH MAKERS) __ ३०९. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु 'एगसमये एगजुगे' दो अरहंतवंसा उप्पज्जिंसु वा # उप्पज्जंति वा उप्पज्जिस्संति वा। ३१०. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु वासेसु एगसमये एगजुगे दो
चक्कवट्टिवंसा उप्पज्जिंसु वा उप्पज्जंति वा उप्पज्जिस्संति वा। ३११. जंबुद्दीवे दीवे भरहेरवएसु ॐ वासेसु एगसमये एगजुगे दो दसारवंसा उप्पज्जिंसु वा उप्पज्जंति वा उप्पज्जिस्संति वा।
३०९. जम्बूद्वीप द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में एक समय में, एक युग में अरहन्तों के दो वंश म उत्पन्न हुए थे, उत्पन्न होते हैं और उत्पन्न होंगे। ३१०. जम्बूद्वीप द्वीप में भरत और ऐरवत क्षेत्र में एक
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स्थानांगसूत्र (१)
(128)
Sthaananga Sutra (1)
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