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238. Pudgals (matter particles) are of two kinds-isht (1) and anisht 151 (2); kaant (3) and akaant (4); priya (5) and apriya (6); manojna (7) and 5 amanojna (8); manaam (9) and amanaam (10).
विवेचन-सूत्रोक्त पदों का अर्थ इस प्रकार है-इष्ट-किसी कार्य के लिए यांछित। अनिष्ट-इससे ॐ विपरीत। कान्त-जो रंग-रूप आदि से युक्त सुन्दर हो। अकान्त-जो सुन्दर न हो। प्रिय-जो मन को 9 प्रीतिकर एवं इन्द्रियों को आनन्द जनक हो। अप्रिय-जो अप्रीतिकर हो। मनोज-मनोहर। अमनोज
अमनोहर । मनाम-जिनके चिन्तन मात्र से मन झूम उठता हो। अमनाम-जिनका श्रवण व स्मरण भी मन ॐ को अच्छा नहीं लगता हो।
Elaboration-Technical terms : isht-desirable; anisht-not desirable; kaant--beautiful; akaant-not beautiful; priya-lovable; apriya-not lovable; manojna-attractive; amanojna-not attractive; manaami adorable or whose mere thought is exhilarating; amanaam-not 41 adorable or whose mere thought is repulsive. भ न्द्रिय-विषय-पद INDRIYA-VISHAYA-PAD (SEGMENT OF SUBJECTS OF SENSE ORGANS)
२३४. दुविहा सद्दा पण्णत्ता, तं जहा-अत्ता चेब, अणता येव। इट्टा चेय, अणिवा चेव। कंता ॐ चैव, अकंता चेव। पिया चेव, अपिया चेव। मणुण्णा चेव, अमणुण्णा चेय। मणामा येव, अमणामा
चेव। २३५. दुविहा रूवा पण्णत्ता, तं जहा–अत्ता चेव, अणत्ता चेव। इट्ठा चेय, अणिवा चेय। कंता चैव, अकंता चेव। पिया चेव, अपिया चेव। मणुण्णा चेव, अमणुण्णा चेव। मणामा चेय, अमणामा
चैव। २३६. दुविहा गंधा पण्णत्ता, ते जहा-अत्ता चैव, अणत्ता चेव। इट्टा तेय, अणिवा चेव। कंता ॐ चैव, अकंता चेव। पिया चेव, अपिया चेव। मणुण्णा घेव, अमणुण्णा चेव। मणामा चेव, अमणामा म चेव। २३७. दुविहा रसा पण्णत्ता, तं जहा-अत्ता चेव, अणत्ता चेव। इट्ठा चेव, अणिवा चेव। कंता ॐ चेव, अकंता चेव, पिया चेव अपिया चेव। मणुण्णा चेव, अमणुण्णा चेव। मणामा चेव, अमणामा मचेव। २३८. दुविहा फासा पण्णत्ता, तं जहा-अत्ता चेव, अणत्ता चेव। इट्ठा चेव, अणिट्ठा चेव। ॐ कंता चेव, अकंता चेव। पिया चेव, अपिया चेव। मणुण्णा चेव, अमणुण्णा चेव। मणामा चेव, अमणामा चेव।
२३४. शब्द दो प्रकार के हैं। आत्त और अनात्त, इष्ट और अनिष्ट, कान्त और अकान्त. प्रिय और अप्रिय, मनोज्ञ और अमनोज्ञ, मनाम और अमनाम। २३५. इसी प्रकार रुप के, २३६. गंध के,
9. रस के. और २३८. स्पर्श के भी आत्त, अनात्त आदि उक्त दस भेद होते हैं। म 234. Shabd (sound) is of two kinds-aatta and anaatta; isht and
anisht; kaant and akaant; priya and apriya; manojna and amanojna; manaam and amanaam. The same is true for--233. appearance, 236. smell, 237. taste, and 238. touch; that is, they too have the said ten types each.
स्थानांगसूत्र (१)
(106)
Sthaananga Sutra (1)
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