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चौबीस दण्डक TWENTY FOUR PLACES OF SUFFERING (DANDAK)
३. [प्र. ] संतरं भंते ! नेरइया उववज्जंति, निरंतरं नेरइया उववजंति ? [उ. ] गंगेया ! संतरं पि नेरइया उववज्जंति, निरंतरं पि नेरइया उववज्जति।।
३. [प्र. ] भगवन् ! नैरयिक सान्तर (काल के व्यवधान सहित) उत्पन्न होते हैं या निरन्तर (बीच में ! समय के व्यवधान बिना) उत्पन्न होते हैं ?
[उ. ] हे गांगेय ! नैरयिक सान्तर भी उत्पन्न होते हैं और निरन्तर भी। ___ 3. [Q.] Bhante ! Are infernal beings born with interruption (saantar) or are they born continually (nirantar)?
[Ans.] Gangeya ! Infernal beings are born with interruption (saantar) as well as continually (nirantar).
४. [प्र. १ ] संतरं भंते ! असुरकुमारा उववजंति, निरंतरं असुरकुमारा उववज्जंति ? [उ. ] गंगेया ! संतरं पि असुरकुमारा उववज्जंति, निरंतरं पि असुरकुमारा उववज्जंति। [ २ ] एवं जाव थणियकुमारा। ४. [प्र. १ ] भगवन् ! असुरकुमार सान्तर उत्पन्न होते हैं या निरन्तर? [उ. ] गांगेय ! वे सान्तर भी उत्पन्न होते हैं और निरन्तर भी। [ २ ] इसी प्रकार यावत् स्तनितकुमार तक जानना चाहिए।
4. [Q. 1] Bhante ! Are Asur Kumar devs (divine beings of Asur Kumar ! class) born with interruption (saantar) or are they born continually (nirantar).?
[Ans.) Gangeya ! Asur Kumar devs are born with interruption (saantar) as well as continually (nirantar).
[2] The same is true for divine beings up to Stanit Kumar devs. ५. [प्र. १ ] संतरं भंते ! पुढविकाइया उववज्जंति, निरंतरं पुढविकाइया उववज्जंति ? [उ. ] गंगेया ! नो संतरं पुढविकाइया उववज्जंति, निरंतरं पुढविकाइया उववज्जंति। [२ ] एवं जाव वणस्सइकाइया। ५. [प्र. १ ] भगवन् ! पृथ्वीकायिक जीव सान्तर उत्पन्न होते हैं या निरन्तर उत्पन्न होते हैं ? [उ. ] गांगेय ! पृथ्वीकायिक जीव सान्तर उत्पन्न नहीं होते; निरन्तर उत्पन्न होते हैं। [२ ] इसी प्रकार यावत् वनस्पतिकायिक जीवों तक जानना चाहिए।
5. [Q. 1] Bhante ! Are earth-bodied beings (prithvikaayik jivas) born with interruption (saantar) or are they born continually (nirantar)?
| भगवती सूत्र (३)
(354)
Bhagavati Sutra (3)
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