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5 saying-Go to him and get initiated. Saddavai etc. - According to 5 Jambudveep Prajnapti the places Shabdapaati, Vikatapaati, 5 Gandhapaati and Malyavant are in Airanyavat, Harivarsh Ramyakvarsh regions. (Vritti, leave 436)
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सोच्चा से सम्बन्धित प्रश्नोत्तर QUESTIONS ABOUT SOCHCHA
३२. [ प्र. ] सोच्चा णं भंते ! केवलिस्स वा जाव तप्पक्खियउवासियाए वा केवलिपण्णत्तं धम्मं भेज्जा सवणयाए ?
[ उ. ] गोयमा ! सोच्चा णं केवलिस्स वा जाव अत्थेगइए केवलिपण्णत्तं धम्मं० । एवं जा चेव असोच्चाए वत्तव्यया सा चेव सोच्चाए वि भाणियव्वा, नवरं अभिलावो सोच्चेति । सेसं तं चैव निरवसेसं जाव ' जस्स णं मणपज्जवनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खओवसमे कडे भवइ, जस्स णं केवलनाणावरणिज्जाणं कम्माणं खए कडे भवइ से णं सोच्चा केवलिस्स वा जाव उवासियाए वा केवलिपण्णत्तं धम्मं लभिज्ज सवणयाए, केवलं बोर्हि बुज्झेज्जा जाव केवलनाणं उप्पाडेज्जा (सु. १३ [ २ ])।
३२. [ प्र. ] भगवन् ! केवली यावत् केवली - पाक्षिक की उपासिका से - (धर्मप्रतिपादक वचन) श्रवण कर क्या कोई जीव केवलि - प्ररूपित धर्मबोध (श्रवण) प्राप्त करता है ?
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नवम शतक : इकत्तीसवाँ उद्देशक
[ उ. ] गौतम ! केवली यावत् केवलि - पाक्षिक की उपासिका से धर्म-वचन सुनकर कोई जीव
केवलि - प्ररूपित धर्म का बोध प्राप्त करता है और कोई जीव प्राप्त नहीं करता । इस विषय में जिस प्रकार असोच्चा की वक्तव्यता में कही, उसी प्रकार 'सोच्चा' की वक्तव्यता कहनी चाहिए । विशेष यह है कि यहाँ सर्वत्र 'सोच्चा' ऐसा पाठ कहना चाहिए। शेष सभी पूर्वोक्त वक्तव्यता कहनी चाहिए; यावत् जिसने फ्र मनः पर्यवज्ञानावरणीय कर्मों का क्षयोपशम किया है तथा जिसने केवलज्ञानावरणीय कर्मों का क्षय किया
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है. वह केवली यावत् केवलि - पाक्षिक की उपासिका से धर्म-वचन सुनकर केवलि - प्ररूपित धर्मबोध (श्रवण) प्राप्त करता है, शुद्ध बोधि (सम्यग्दर्शन) का अनुभव करता है, यावत् केवलज्ञान प्राप्त करता है। 5 32. [Q.] Bhante ! Does a jiva ( living being) derive the benefits of फ hearing the sermon of (the religion propagated by) an omniscient (Kevali) by hearing it from the omniscient, or his male disciple (shravak) 5 and so on up to... female devotee (upaasika) of a self-enlightened 5 omniscient (Kevali-paakshik)?
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[Ans.] Gautam! Some jiva ( living being) derives and some does not derive the benefits of hearing the sermon of an omniscient (Kevali) by hearing it from ( these ten) the omniscient ... and so on up to... or his (self-enlightened omniscient 's) female devotee (upaasika ). In this regard repeat all what has been said about asochcha (without hearing). The only difference is that instead of asochcha (without hearing) mention sochcha (by hearing). All the rest should be as aforesaid ... and so on up
Ninth Shatak: Thirty First Lesson
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