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29. [Q.) Bhante ! Does he become Siddha (perfected soul) ... and so on fi up to... end all misery?
[Ans.] Yes, Gautam ! He becomes Siddha (perfected soul)... and so on f up to... end all misery.
३०. [प्र. ] से णं भंते ! किं उठं होज्जा, अहो होज्जा, तिरियं होज्जा ?
[उ. ] गोयमा ! उर्ल्ड वा होज्जा, अहो वा होज्जा, तिरियं वा होज्जा। उड़े होज्जमाणे सद्दावइवियडावइ-गंधावइ-मालवंतपरियाएसु वट्टवेयड्डपब्बएसु होज्जा, साहरणं पुडुच्च सोमणसवणे वा पंडगवणे वा होज्जा। अहे होज्जमाणे गड्डाए वा दरीए वा होज्जा, साहरणं पडुच्च पायाले वा भवणे वा होज्जा। तिरियं होज्जमाणे पण्णरससु कम्मभूमीसु होज्जा, साहरणं पुडुच्च अड्डाइज्जदीव-समुद्दतदेक्कदेसभाए होज्जा।
३०. [प्र. ] भगवन् ! वे असोच्चा केवली ऊर्ध्वलोक में होते हैं, अधोलोक में होते हैं या तिर्यक्लोक में होते हैं ?
[उ.] गौतम ! वे ऊर्ध्वलोक में भी होते हैं, अधोलोक में भी होते हैं और तियक्लोक में भी होते हैं। यदि ऊर्ध्वलोक में होते हैं तो शब्दापाती, विकटापाती, गन्धापाती और माल्यवन्त नामक वृत्त (वैताढ्य) पर्वतों में होते हैं तथा संहरण की अपेक्षा सौमनसवन में अथवा पाण्डुकवन में भी होते हैं। यदि अधोलोक में होते हैं तो गर्ता (अधोलोक ग्रामादि) में अथवा गुफा में होते हैं तथा संहरण की अपेक्षा पातालकलशों में अथवा भवनवासी देवों के भवनों में होते हैं। यदि तिर्यक्लोक में होते हैं तो पन्द्रह कर्मभूमि में होते हैं तथा संहरण की अपेक्षा अढाई द्वीप और समुद्रों के एक भाग में होते हैं।
30. (Q.) Bhante ! Do such individuals (self-enlightened omniscients) exist in the upper world (Urdhva-lok), the lower world (Adho-lok) or the middle world (Tiryak-lok)? ___[Ans.] Gautam ! They exist in the upper world (Urdhva-lok), in the lower world (Adho-lok) as well as in the middle world (Tiryak-lok). If in the upper world, they exist on the Vritta Vaitadhya mountains called Shabdapaati, Vikatapaati, Gandhapaati and Malyavant; in context of migration (samharan) they also exist in Saumanas and Panduk forests. If in the lower world, they exist in chasms (garta) and caves; in context of migration they also exist in Patal-kalash and abodes of abode-dwelling gods (Bhavanavasi Dev). If in the middle world, they exist in the fifteen Karma Bhumis (lands of endeavour) and in context of migration they also exist in Adhai Dveep (two and a half continents) and a portion of oceans.
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| नवम शतक : इकत्तीसवा उद्देशक
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Ninth Shatak : Thirty First Lesson
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