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its space-points. In other words each of the soul's space-point occupies one space-point of the Lok. (Vritti, leaf 21)
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आठ कर्मप्रकृतियाँ और संसारी जीव EIGHT KARMA SPECIES AND WORLDLY BEING
३१. [ प्र. ] कति णं भंते ! कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ ?
[ उ. ] गोयमा ! अट्ठ कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ, तं जहा - नाणावरणिज्जं जाव अंतराइयं ।
३१ . [ प्र. ] भगवन् ! कर्मप्रकृतियाँ कितनी कही गई हैं ?
[उ. ] गौतम ! कर्मप्रकृतियाँ आठ कही गई हैं । यथा - ज्ञानावरणीय यावत् अन्तराय ।
31. [Q.] Bhante ! How many karma species (harma-prakriti) are said to be there ?
[ उ. ] गोयमा ! अट्ठ ।
३२. [ प्र. १ ] भगवन् ! नैरयिकों के कितनी कर्मप्रकृतियाँ हैं ?
[उ. ] गौतम ! ( उनकी) आठ कर्मप्रकृतियाँ हैं ।
32. [Q. 1] Bhante ! How many karma species do infernal beings have ? [Ans.] Gautam ! (They have ) eight karma species (karma-prakriti). [ २ ] एवं सव्वजीवाणं अट्ठ कम्मपगडीओ ठावेयव्वाओ जाव वेमाणियाणं ।
[ २ ] इसी प्रकार वैमानिकपर्यन्त सभी जीवों की आठ कर्मप्रकृतियों की प्ररूपणा करनी चाहिए ।
[Q. 2] In the same way all beings up to Vaimanik devs (celestialvehicular gods) have eight karma species (karma-prakriti).
३३. [ प्र. ] नाणावरणिज्जस्स णं भंते ! कम्मस्स केवतिया अविभागपलिच्छेदा पण्णत्ता ?
[ उ. ] गोयमा ! अणंता अविभागपलिच्छेदा पण्णत्ता ।
३३. [ प्र. ] भगवन् ! ज्ञानावरणीयकर्म के कितने अविभाग परिच्छेद कहे गये हैं ?
[ उ. ] गौतम ! उसके अनन्त अविभाग-परिच्छेद कहे गये हैं।
33. [Q.] Bhante ! How many ultimate fractions (avibhaag parichchhed) Jnanavaraniya karma (knowledge obscuring karma) is 5 said to have ?
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[Ans.] Gautam ! It is said to have infinite ultimate fractions.
भगवती सूत्र (३)
[Ans.] Gautam ! Karma species are said to be eight Jnanavaraniya ५ (knowledge obscuring)... and so on up to... Antaraya (power hindering). ३२. [ प्र. १ ] नेरइयाणं भंते ! कइ कम्मपगडीओ पण्णत्ताओ ?
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Bhagavati Sutra (3)
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गला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला ला
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