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८५. [प्र. ] आहारगसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! कस्स कम्मस्स उदएणं ?
[उ. ] गोयमा ! वीरियसजोगसव्वयाए जाव लद्धिं पुडुच्च आहारगसरीरप्पयोगणामाए कम्मस्स उदएणं आहारगसरीरप्पयोगबंधे।
८५. [प्र. ] भगवन् ! आहारकशरीर-प्रयोगबन्ध किस कर्म के उदय से होता है ? ___ [उ. ] गौतम ! सवीर्यता, सयोगता और सद्र्व्यता, यावत् (आहारक) लब्धि के निमित्त से, आहारकशरीर-प्रयोग-नामकर्म के उदय से आहारकशरीर-प्रयोगबन्ध होता है।
85. [Q.) Bhante ! What karma is responsible for Aharak-shariraprayoga-bandh (bondage related to telemigratory body formation) ? i [Ans.] Gautam ! Depending upon available potency (saviryata),
available intent of activity (sayogata) and available matter particles
(saddravyata), and based on causative parameters like karma, ... and so i on up to ... life-span (ayushya), and also due to attainment of special i power (of telemigration), the Aharak-sharira-prayoga-bandh (bondage
related to telemigratory body formation) takes place through fruition (udaya) of Aharak-sharira-prayoga-naam-karma (karma responsible for telemigratory body formation).
८६.[प्र. ] आहारगसरीरप्पयोगबंधे णं भंते ! किं देसबंधे, सव्वबंधे ? [उ. ] गोयमा ! देसबंधे वि, सव्वबंधे वि। ८६. [प्र. ] भगवन् ! आहारकशरीर-प्रयोगबन्ध क्या देशबन्ध होता है, अथवा सर्वबन्ध होता है ? [उ. ] गौतम ! वह देशबन्ध भी होता है, सर्वबन्ध भी होता है।
86. IQ.] Bhante ! Is Aharak-sharira-prayoga-bandh (bondage related to telemigratory body formation) a bondage of a part (desh-bandh) or ____ that of the whole (sarva-bandh)?
___ [Ans.] Gautam ! It is both, a bondage of a part (desh-bandh) as well as that of the whole (sarva-bandh).
८७. [प्र. ] आहारगसरीरप्पओगबंधे णं भंते ! कालओ केवचिरं होइ ? [उ. ] गोयमा ! सब्बबंधे एक्कं समयं, देसबंधे जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहत्तं । ८७. [प्र. ] भगवन् ! आहारकशरीर-प्रयोगबन्ध, कालतः कितने काल तक रहता है ? [उ. ] गौतम ! आहारकशरीर-प्रयोगबन्ध का सर्वबन्ध एक समय तक रहता है; देशबन्ध जघन्यतः अन्तर्मुहूर्त और उत्कृष्टतः भी अन्तर्मुहूर्त तक रहता है।
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| अष्टम शतक : नवम उद्देशक
(243)
Eighth Shatak : Ninth Lesson
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