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[उ. ] एवं जहेव इरियावहियाबंधगस्स तहेव निरवसेसं जाव अहवा इत्थीपच्छाकडा य, * पुरिसपच्छाकडा य, नपुंसगपच्छाकडा य बंधंति।
१९. [प्र. ] भगवन् ! यदि वेदरहित एक जीव और वेदरहित बहुत जीव साम्परायिक कर्म बाँधते ॥ हैं तो क्या स्त्री-पश्चात्कृत जीव बाँधता है या पुरुष-पश्चात्कृत जीव बाँधता है ? इत्यादि प्रश्न (सूत्र १३ के अनुसार) पूर्ववत् कहना चाहिए।
[उ. ] गौतम ! जिस प्रकार ऐर्यापथिक कर्मबन्ध के सम्बन्ध में छब्बीस भंग कहे हैं, उसी प्रकार यहाँ 卐 भी कहना चाहिए; यावत् (२६) बहुत स्त्री-पश्चात्कृत जीव, बहुत पुरुष-पश्चात्कृत जीव और बहुत नपंसक-पश्चातकत जीव बाँधते हैं-यहाँ तक कहना चाहिए।
19. Bhante ! If it is acquired by one non-genderic (vedarahit) being as well as all these and many non-genderic beings then is it acquired by one stree-pashchaatkrit jiva (a being who was woman in the past but nongenderic now), or one purush-pashchaatkrit jiva (a being who was man in the past but non-genderic now)? Include here all the aforesaid questions (from aphorism 13).
(Ans.) Gautam ! As aforesaid, all the twenty-six alternatives about Iryapathik-karma should be repeated here up to (26) many stree
pashchaatkrit jiva, many purush-pashchaatkrit jiva, and many 4 napumsak-pashchaatkrit jiva.
२०. [प्र. ] तं भंते ! किं बंधी बंधइ बंधिस्सइ १; बंधी बंधइ न बंधिस्सइ २; बंधी न बंधइ ॐ बंधिस्सइ ३; बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ ४ ?
[उ. ] गोयमा ! अत्थेगइए बंधो बंधइ बंधिस्सइ १; अत्थेगइए बंधी बंधइ न बंधिस्सइ २; अत्थेगइए बंधी न बंधइ बंधिस्सइ ३; अत्थेगइए बंधी न बंधइ न बंधिस्सइ ४। ॐ २०. [प्र. ] भगवन् ! साम्परायिक कर्म (१) किसी जीव ने बाँधा, बाँधता है और बाँधेगा? म (२) बाँधा, बाँधता है और नहीं बाँधेगा? (३) बाँधा, नहीं बाँधता है और बाँधेगा? तथा (४) बाँधा,
नहीं बाँधता है और नहीं बाँधेगा? 卐 [उ. ] गौतम ! (१) कई जीवों ने बाँधा, बाँधते हैं और बाँधेगे; (२) कितने ही जीवों ने बाँधा,
बाँधते हैं और नहीं बाँधेगे; (३) कितने ही जीवों ने बाँधा है, नहीं बाँधते हैं और बाँधेंगे, (४) कितने ही ॐ जीवों ने बाँधा है, नहीं बाँधते हैं और नहीं बाँधेगे।
20. [Q.] Bhante ! Is this bondage (of Samparayik-karma) acquired by a living being - (1) in the past, in the present and in the future; or (2) in
the past, in the present, but not in the future; or (3) in the past, and in $ the future, but not in the present; or (4) in the past, but not in the fi 卐 present, and also not in the future?
भगवती मूत्र (३)
(168)
Bhagavati Sutra (3)
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