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गाभ
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卐 जीव, बहुत पुरुष-पश्चात्कृत जीव और एक नपुंसक-पश्चात्कृत जीव बाँधता है ? अथवा २२. एक
स्त्री-पश्चात्कृत जीव, बहुत पुरुष-पश्चात्कृत जीव और बहुत नपुंसक-पश्चात्कृत जीव बाँधते हैं,
या २३. बहुत स्त्री-पश्चात्कृत जीव, एक पुरुष-पश्चात्कृत जीव और एक नपुंसक-पश्चात्कृत जीव म बाँधता है, अथवा २४. बहुत स्त्री-पश्चात्कृत जीव, एक पुरुष-पश्चात्कृत जीव और बहुत
नपुंसक-पश्चात्कृत जीव बाँधते हैं, या २५. बहुत स्त्री-पश्चात्कृत जीव, बहुत पुरुष-पश्चात्कृत
जीव और एक नपुंसक-पश्चात्कृत जीव बाँधता है, अथवा २६. बहुत स्त्री-पश्चात्कृत जीव, बहुत 5 पुरुष-पश्चात्कृत जीव और बहुत नपुंसक-पश्चात्कृत जीव बाँधते हैं ? 3 [उ. ] गौतम ! ऐर्यापथिक कर्म (१) स्त्री-पश्चात्कृत जीव भी बाँधता है, (२) पुरुष-पश्चात्कृत
जीव भी बाँधता है. (३) नपंसक-पश्चातकत जीव भी बाँधता है. (४) स्त्री-पश्चातकत जीव भी बाँधते हैं, (५) पुरुष-पश्चात्कृत जीव भी बाँधते हैं, (६) नपुंसक-पश्चात्कृत जीव भी बाँधते हैं, अथवा (७) । एक स्त्री-पश्चात्कृत जीव और एक पुरुष-पश्चात्कृत जीव भी बाँधता है अथवा यावत् (२६) बहुत । स्त्री-पश्चात्कृत जीव, बहुत पुरुष-पश्चात्कृत जीव और बहुत नपुंसक-पश्चात्कृत जीव भी बाँधते ॥ हैं। इस प्रकार (प्रश्न में कथित) छब्बीस भंग यहाँ (उत्तर में ज्यों के त्यों) कहने चाहिए।
13. IQ.) Bhante ! If one non-genderic being or many non-genderic h beings acquire the bondage of Iryapathik-karma then is that bondage
acquired by (1) one stree-pashchaatkrit jiva (a being who was woman in
the past but non-genderic now), (2) one purush-pashchaatkrit jiva (a 6 being who was man in the past but non-genderic now), (3) one napumsak-pashchaatkrit jiva (a being who was eunuch in the past but non-genderic now) ? Or (4) many stree-pashchaathrit jivas, (5) many purush-pashchaatkrit jivas, (6) many napumsak-pashchaatkrit jivas ? $ Or (7) one stree-pashchaatkrit jiva and one purush-pashchaatkrit jiva,
(8) one stree-pashchaatkrit jiva and many purush-pashchaatkrit jivas, (9) 5 many stree-pashchaatkrit jivas and one purush-pashchaatkrit jiva, (10)
many stree-pashchaatkrit jivas and many purush-pashchaatkrit jivas, fi (11) one stree-pashchaatkrit jiva and one napumsak-pashchaatkrit jiva,
(12) one stree-pashchaatkrit jiva and many napumsak-pashchaatkrit
jivas, (13) many stree-pashchaatkrit jivas and one napumsakEpashchaathrit jiva, (14) many stree-pashchaatkrit jivas and many
napumsak-pashchaatkrit jivas, (15) one purush-pashchaatkrit jiva and one napumsak-pashchaatkrit jiva, (16) one purush-pashchaatkrit jiva and many napumsak-pashchaatkrit jivas, (17) many purushpashchaatkrit jivas and one napumsak-pashchaatkrit jiva, (18) many purush-pashchaatkrit jivas and many napumsak-pashchaatkrit jivas ? Or (19) one stree-pashchaatkrit jiva, one purush-pashchaatkrit jiva, and one napumsak-pashchaatkrit jiva; (20) one stree-pashchaatkrit jiva, one
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नाना
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अष्टम शतक : अष्टम उद्देशक
(163)
Eighth Shatak: Eighth Lesson
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