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________________ 255 55 5555 5555 5 5 5 5 5 5 5 5 5 55 5555555 5 55 5 5 5 5 59595952 또 [Ans.] Gautam ! It is neither acquired by a woman, nor by a man, or f by a eunuch, or by women, or by men, or by eunuchs but relative to the past it is acquired by many non-genderic (vedarahit) beings or relative to the present by one non-genderic being or many non-genderic beings. १३. [ प्र. ] जइ भंते! अवगयवेदो वा बंधइ, अवगयवेदा वा बंधंति तं भंते! किं इत्थीपच्छाकडो बंध १, पुरिसपच्छाकडो बंधइ २, नपुंसकपच्छाकडो बंधइ ३, इत्थीपच्छाकडा बंधंति ४, पुरिसपच्छाकडा वि बंधंति ५, नपुंसगपच्छाकडा वि बंधंति ६, उदाहु इत्थिपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य बंधति ४, उदाहु इत्थीपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ ४, उदाहु पुरिसपच्छाकडो य णपुंसगपच्छाकडो य बंधइ ४, इत्थच्छाको पुरिसपच्छाकडो य णपुसंगपच्छाकडो य भाणियव्वं ८, एवं एते छव्वीसं भंगा जाव 5 इत्थीपच्छाका पुरिसपच्छाकडा य नपुंसकपच्छाकडा य बंधंति ? 5 卐 卐 [ उ. ] गोयमा ! इत्थिपच्छाकडो वि बंधइ १, पुरिसपच्छाकडो वि बंधइ २, नपुंसगपच्छाकडो वि बंधइ ३, इत्थीपच्छाकडा वि बंधंति ४, पुरिसपच्छकडा वि बंधंति ५, नपुंसकपच्छाकडा वि बंधंति ६, अहवा इत्थीपच्छाकडो य पुरिसपच्छाकडो य बंधइ ७, एवं एए चेव छव्वीसं भंगा भाणियव्वा जाव अहवा इत्थिपच्छाकडा य पुरिसपच्छाकडा य नपुंसगपच्छाकडा य बंधंति । १३ . [ प्र. ] भगवन् ! यदि वेदरहित एक जीव अथवा वेदरहित बहुत जीव ऐर्यापथिक (कर्म) बन्ध फ बाँधते हैं तो क्या १. स्त्री- पश्चात्कृत जीव (जो जीव भूतकाल में सवेदी था, किन्तु वर्तमान में अवेदी है, वह पश्चात्कृत कहा जाता है) बाँधता है, अथवा २. पुरुष - पश्चात्कृत जीव बाँधता है; या ३. 卐 卐 5 5 5 नपुंसक - पश्चात्कृत जीव बाँधता है ? अथवा ४ स्त्री- पश्चात्कृत जीव बाँधते हैं, या ५. पुरुष - पश्चात्कृतजीव बाँधते हैं, या ६. नपुंसक - पश्चात्कृत जीव बाँधते हैं ? अथवा ७. एक फ्र स्त्री- पश्चात्कृत जीव और एक पुरुष - पश्चात्कृत जीव बाँधता है, या ८. एक स्त्री-पश्चात्कृत जीव बहुत पुरुष - पश्चात्कृत जीव बाँधते हैं, या ९. बहुत स्त्री- पश्चात्कृत जीव और एक पुरुष - पश्चात्कृत जीव बाँधता है, अथवा १०. बहुत स्त्री- पश्चात्कृत जीव और बहुत पुरुष - पश्चात्कृत जीव बाँधते है, 55 या ११. एक स्त्री - पश्चात्कृत जीव और एक नपुंसक पश्चात्कृत जीव बाँधता है, या १२. एक स्त्री- पश्चात्कृत जीव और बहुत नपुंसक - पश्चात्कृत जीव बाँधते हैं, अथवा १३. बहुत स्त्री- पश्चात्कृत जीव और एक नपुंसक - पश्चात्कृत जीव बाँधता है, या १४. बहुत स्त्री- पश्चात्कृत जीव और बहुत नपुंसक - पश्चात्कृत जीव बाँधते हैं, अथवा १५. एक पुरुष - पश्चात्कृत जीव और एक नपुंसक - पश्चात्कृत जीव बाँधता है, या १६. एक पुरुष - पश्चात्कृत जीव और बहुत 5 नपुंसक - पश्चात्कृत जीव बाँधते हैं, अथवा १७. बहुत पुरुष - पश्चात्कृत जीव और एक नपुंसक - पश्चात्कृत जीव बाँधता है, अथवा १८. बहुत पुरुष - पश्चात्कृत जीव और बहुत नपुंसक - पश्चात्कृत जीव बाँधते हैं? या फिर १९. एक स्त्री- पश्चात्कृत जीव, एक पुरुष - पश्चात्कृत जीव और एक नपुंसक - पश्चात्कृत जीव बाँधता है, अथवा २०. एक स्त्री- पश्चात्कृत जीव, एक पुरुष - पश्चात्कृत जीव और बहुत नपुंसक - पश्चात्कृत जीव बाँधते हैं, या २१. एक स्त्री - पश्चात्कृत भगवती सूत्र (३) (162) Jain Education International फफफफफफफफ Bhagavati Sutra (3) For Private & Personal Use Only 卐 5 卐 5 5 www.jainelibrary.org
SR No.002904
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhyaprajnapti Sutra Part 03 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2008
Total Pages664
LanguageHindi, English
ClassificationBook_Devnagari, Book_English, Agam, Canon, Conduct, & agam_bhagwati
File Size21 MB
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