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4 (३) वैक्रियकाययोग-वैक्रियशरीर द्वारा होने वाली वीर्यशक्ति का व्यापार। यह मनुष्यों और तिर्यञ्चों के 5 ॐ वैक्रियलब्धिबल से वैक्रियशरीर धारण कर लेने पर होता है। देवों और नारकों के वैक्रियकाययोग 'भवप्रत्यय' होता है।
(४) वैक्रियमिश्रकाययोग-वैक्रिय और कार्मण, अथवा वैक्रिय और औदारिक, इन दो शरीरों के द्वारा होने वाले वीर्यशक्ति के व्यापार को 'वैक्रियमिश्रकाययोग' कहते हैं। वैक्रिय और कार्मण सम्बन्धी
वैक्रियमिश्रकाययोग, देवों तथा नारकों को उत्पत्ति के दूसरे समय से लेकर जब तक शरीरपर्याप्ति पूर्ण न हो, ॐ तब तक रहता है। वैक्रिय और औदारिक, इन दो शरीरों सम्बन्धी वैक्रियमिश्रकाययोग, मनुष्यों और तिर्यञ्चों में 卐 तभी पाया जाता है, जब वे लब्धिबल से वैक्रिय शरीर का आरम्भ करते हैं। वैक्रियशरीर का त्याग करने में वैक्रियमिश्र नहीं होता, किन्तु औदारिकमिश्न होता है।
(५) आहारककाययोग-केवल आहारक शरीर की सहायता से होने वाला वीर्यशक्ति का व्यापार 'आहारककाययोग' होता है।
(६) आहारकमिश्रकाययोग-आहारक और औदारिक, इन दो शरीरों के द्वारा होने वाले वीर्यशक्ति के व्यापार को आहारकमिश्रकाययोग कहते हैं। आहारक-शरीर को धारण करने के समय अर्थात्-उसे प्रारम्भ करने के समय तो आहारकमिश्रकाययोग होता है और उसके त्याग के समय औदारिकमिश्रकाययोग होता है।
(७) कार्मणकाययोग-केवल कार्मण शरीर की सहायता से वीर्यशक्ति की जो प्रवृत्ति होती है, उसे कार्मणकाययोग कहते हैं। यह योग विग्रहगति में तथा उत्पत्ति के समय अनाहारक अवस्था में सभी जीवों में होता है। केवलीसमुद्घात के तीसरे, चौथे और पाँचवें समय में केवली भगवान के होता है।
Elaboration—(1) Audarik sharira kaayayoga (activity of gross physical # body)-as it is a cluster of matter particles, audarik Sharira is called
kaaya. The activity it is involved in is called audarik sharira kaayayoga. 5 This is related to human beings and animals.
(2) Audarik mishra sharira kaaya yoga (activity of gross-cum-mixed physical body)- The potency related activity of audarik sharira with the 4 help of karman, vaikriya or ahaarak bodies is called audarik mishra
sharira kaaya yoga. Every living being with gross physical body is $i involved in this activity right from the second Samaya after its birth up
to the point when it attains fully developed state of the body (sharira
paryapti). Human beings and animals having the power of 4 transmutation have this activity when they abandon the transmutated
body (vaikriya sharira). In the same way when an accomplished ascetic \ creates telemigratory body (ahaarak sharira) the activity involved is
ahaarak-mishra kaayayoga (telemigratory-cum-mixed activity of body).
However, when they leave the telemigratory body and return to the 4 original body the activity involved is audarik-mishra kaayayoga (gross 41
physical-cum-mixed activity of body). When an omniscient undergoes
अष्टम शतक : प्रथम उद्देशक
(517)
Eighth Shatak : First Lesson
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