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अष्टम शतक: प्रथम उद्देशक ASHTAM SHATAK (Chapter Eight) : FIRST LESSON
पुद्गल PUDGALA (MATTER)
. व्याख्याप्रज्ञप्ति सूत्र के अष्टम शतक के दस उद्देशक हैं। इनमें पुद्गल, आशीविष, वृक्ष, क्रिया,
आजीव, प्रासुक, अदत्त, प्रत्यनीक, बन्ध और आराधना; आदि विषयों का वर्णन है। . The eighth chapter (shatak) of Vyakhyaprajnapti Sutra (Bhagavati
Sutra) has ten lessons (uddeshak). The topics discussed include pudgala (matter), ashivish (the poisonous), vriksh (tree), kriya (activities), aajiva (Ajivaks), prasuk (prescribed food), adatt (not given), pratyaneek (adversaries), bandh (bondage), and aradhana (endeavour).
संग्रहणी गाथा COLLATIVE VERSE १. पोग्गल १ आसीविस २ रुक्ख ३ किरिय ४ आजीव ५ फासुगमदत्ते ६-७।
पडिणीय ८ बंध ९ आराहणा य १० दस अट्ठमम्मि सते॥१॥ १. (१) पुद्गल, (२) आशीविष, (३) वृक्ष, (४) क्रिया, (५) आजीव, (६) प्रासुक, (७) अदत्त, (८) प्रत्यनीक, (९) बन्ध, और (१०) आराधना; आठवें शतक में ये दस उद्देशक हैं। __1. The eighth chapter (shatak) has the following ten lessons (uddeshak)-(1) Pudgala (Matter), (2) Ashivish (The poisonous), (3) Vriksh (Tree), (4) Kriya (Activities), (5) Aajiva (Ajivaks), (6) Prasuk (Prescribed Food), (7) Adatt (Not given), (8) Pratyaneek (Adversaries), (9) Bandh (Bondage) and (10) Aradhana (Endeavour). पुद्गलपरिणामों के तीन प्रकार THREE KINDS OF MATTER
२. रायगिहे जाव एवं वयासी३. [प्र. ] कइविहा णं भंते ! पोग्गला पण्णत्ता ? [उ. ] गोयमा ! तिविहा पोग्गला पण्णत्ता, तं जहा-पयोगपरिणया मीससापरिणया, वीससापरिणया। २. राजगृह नगर में यावत् गौतम स्वामी ने श्रमण भगवान महावीन से इस प्रकार पूछा
३. [प्र. ] भगवन् ! पुद्गल कितने प्रकार के कहे हैं ? _ [उ.] गौतम ! पुद्गल तीन प्रकार के कहे हैं। वे इस प्रकार हैं-(१) प्रयोग-परिणत, (२) मिश्र-परिणत, और (३) विस्रसा-परिणत।
अष्टम शतक : प्रथम उद्देशक
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Eighth Shatak: First Lesson |
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