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[उ. ] गोयमा ! सोहम्मे कप्पे अरुणाभे विमाणे देवत्ताए उववन्ने। तत्थ णं अत्थेगइयाणं देवाणं चत्तारि पलिओवमाई ठिती पण्णत्ता। तत्थ णं वरुणस्स वि देवस्स चत्तारि पलिओवमाइं ठिती पण्णत्ता।
२१. [प्र. ] भगवन् ! वरुण नागनत्तुआ मृत्यु के समय में कालधर्म पाकर कहाँ गया, कहाँ उत्पन्न
हुआ?
[उ. ] गौतम ! वह सौधर्मकल्प में अरुणाभ नामक विमान में देवरूप में उत्पन्न हुआ है। उस देवलोक में कतिपय देवों की चार पल्योपम की स्थिति (आयु) कही है। अतः वहाँ वरुण-देव की स्थिति भी चार पल्योपम की है।
21. (Q.) Bhante ! After leaving this body at the time of death where did Varun Naag-naptrik go. Where was he reborn ?
[Ans.] Gautam ! He has taken rebirth in Arunabh celestial vehicle in Saudharma Kalp. In that divine realm (Kalp) the life-span of some gods is said to be four Palyopam. Thus the life-span of Varun god is four Palyopam.
२२. [प्र. ] से णं भंते ! वरुणे देवे ताओ देवलोगाओ आउक्खएणं भवक्खएणं ठितिक्खएणं कहिं उववज्जिहिति?
[उ. ] जाव महाविदेहे वासे सिज्झिहिति जाव अंतं काहिति।
२३. [प्र. ] वरुणस्स णं भंते ! णागणत्तुयस्स पियबालवयंसए कालमासे कालं किच्चा कहिं गते ? कहिं उववन्ने ?
[उ. ] गोयमा ! सुकुले पच्चायाते।
२२. [प्र. ] भगवन् ! वह वरुण देव उस देवलोक से आयु-क्षय होने पर, भव-क्षय होने पर तथा स्थिति-क्षय होने पर कहाँ जायेगा, कहाँ उत्पन्न होगा?
[उ. ] गौतम ! वह महाविदेह क्षेत्र में जन्म लेकर सिद्ध होगा, यावत् सभी दुःखों का अन्त करेगा।
२३. [प्र. ] भगवन् ! वरुण नागनत्तुआ का प्रिय बालमित्र काल के अवसर पर कालधर्म पाकर कहाँ गया ? कहाँ उत्पन्न हुआ?
[उ. ] गौतम ! वह मनुष्यलोक में अच्छे कुल में उत्पन्न हुआ है।
22. [Q.] Bhante ! After concluding his life-span (ayu-kshaya), birth or the karmas causing specific birth (bhava-kshaya), and the realm-specific state (sthiti-kshaya), where will Varun god go descending from the realm of gods (dev-lok)? Where will he reincarnate?
(Ans.] Gautam ! He will reincarnate in Mahavideh area (a mythical area)... and so on up to... become perfect (Siddha)... and so on up to... and end all miseries.
सप्तम शतक : नवम उद्देशक
(451)
Seventh Shatak: Ninth Lesson
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