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55*தத*************************தமிழிதழில்
१७. [ १ ] बेइंदिया एवं चेव । नवरं जिब्भिंदिय - फासिंदियाई पडुच्च ।
[ २ ] तेइंदिया वि एवं चेव । नवरं घाणिंदिय - जिब्भिंदिय - फासिंदियाइं पडुच्च ।
[प्र. ३ ] चउरिंदियाणं पुच्छा ।
[उ. ] गोयमा ! चउरिंदिया कामी वि भोगी वि।
[प्र. ४] से केणट्टेणं जाव भोगी वि ?
[ उ. ] गोयमा ! चक्खिंदियं पडुच्च कामी, घाणिंदिय - जिब्भिंदिय - फासिंदियाई पडुच्च भोगी । से
णणं जाव भोगी वि ।
१७. [ १ ] इसी प्रकार द्वीन्द्रिय जीव भी भोगी हैं, किन्तु विशेषता यह है कि वे जिह्वेन्द्रिय और स्पर्शेन्द्रिय की अपेक्षा भोगी हैं।
[ २ ] त्रीन्द्रिय जीव भी इसी प्रकार भोगी हैं, किन्तु वे घ्राणेन्द्रिय, जिह्वेन्द्रिय और स्पर्शेन्द्रिय की अपेक्षा से भोगी हैं ।
[प्र. ३ ] भगवन् ! चतुरिन्द्रिय जीवों के सम्बन्ध में प्रश्न हैं ?
[उ.] गौतम ! चतुरिन्द्रिय जीव कामी भी हैं और भोगी भी हैं।
[प्र. ४ ] भगवन् ! ऐसा किस कारण से कहते हैं कि चतुरिन्द्रिय जीव कामी भी हैं और भोगी
भी हैं ?
[उ.] गौतम ! (चतुरिन्द्रिय जीव) चक्षुरिन्द्रिय की अपेक्षा से कामी हैं और घ्राणेन्द्रिय, जिह्वेन्द्रिय ५ और स्पर्शेन्द्रिय की अपेक्षा से भोगी हैं। इस कारण से हे गौतम ! चतुरिन्द्रिय जीव कामी भी हैं और भोगी भी हैं।
17. [Q. 1] In the same way two-sensed beings (dvindriya jivas) also have physical experience only but with the difference that they have physical experience in relation to the sense organs of taste and touch.
[Q. 3] Bhante ! Same question about four-sensed beings ? [Ans.] Gautam ! Four-sensed beings (chaturindriya jivas) have cerebral experience as well as physical experience.
[2] In the same way three sensed beings (trindriya jivas) also have ५ physical experience only but with the difference that they have physical experience in relation to the sense organs of smell, taste and touch.
[Q 4] Bhante ! Why is it said that four-sensed beings have cerebral experience as well as physical experience?
[Ans.] Gautam ! In relation to the sense organ of seeing they (foursensed beings) have cerebral experience and in relation to the sense
सप्तम शतक : सप्तम उद्देशक
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Seventh Shatak: Seventh Lesson
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