________________
தமிமிததமி***தமிமிமிமிததமி****தமிமிமிமிமிதததததததததி
फ्र
卐
8. The same should be repeated for Asur Kumar gods but they have
5
卐
one leshya more. (In other words they have four leshyas-Krishna or y
5 black, Neel or blue, Kapot or pigeon and Tejo or fiery.)
卐
[उ. ] हाँ, गौतम ! कदाचित् होता है ।
[प्र. ] भगवन् ! किस कारण से आप ऐसा कहते हैं ? ( इसके उत्तर में ) शेष सारा कथन नैरयिक की तरह यावत् 'महाकर्म वाला होता है'; यहाँ तक करना चाहिए।
९. [प्र. ] एवं जाव वेमाणिया, जस्स जति लेसाओ तस्स तति भाणियव्वाओ। जोतिसियस्स न
भण्णति ।
जाव सिय भंते! पम्हलेसे वेमाणिए अप्पकम्मतराए, सुक्कलेसे वेमाणिए महाकम्मतराए ?
[उ. ] हंता, सिया ।
y
[प्र. ] से केणट्टेणं० सेसं जहा नेरइयस्स जाव महाकम्मतराए ।
९. [ प्र. ] इसी तरह यावत् वैमानिक देवों तक कहना चाहिए। जिसमें जितनी लेश्याएँ हों, उतनी 4 कहनी चाहिए, किन्तु ज्योतिष्क देवों में केवल एक तेजोलेश्या ही होती है। अतः दूसरी लेश्या की अपेक्षा अल्पकर्मी महाकर्मी नहीं कहा जा सकता। (प्रश्नोत्तर की संयोजना इस प्रकार कर लेनी चाहिए, यथा - ) ५ भगवन् ! क्या पद्मलेश्या वाला वैमानिक कदाचित् अल्प कर्म वाला और शुक्ललेश्या वाला वैमानिक कदाचित् महाकर्म वाला होता है ?
[Ans.] Yes, Gautam ! Sometimes it happens.
[Q. ] Bhante ! Why is it so? ( in answer ) rest of the statement should be stated like that about infernal beings... and so on up to... are sometimes with much karmas?
फ्र
9. [Q.] The same should be repeated for (all beings up to ) Vaimanik gods. Number of leshyas specific to particular beings should be mentioned. It should be noted that Jyotishk (stellar) gods have only one tejoleshya therefore comparative statement about less and much is not possible. (The questions and answers should follow the same pattern as 5 aforesaid, i. e.) Bhante ! Are yellow soul-complexioned (Padma leshya) 5 divine beings sometimes with less karmas (alpakarma) and white soulcomplexioned (Shukla leshya) divine beings sometimes with much karmas (mahakarma)?
卐
फ्र
भगवती सूत्र (२)
4
फ्र
תתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתתו
Jain Education International
विवेचन : सापेक्ष कथन का आशय - सामान्यतया कृष्णलेश्या वाला जीव महाकर्मी और नीललेश्या वाला जीव उससे अल्पकर्मी होता है, किन्तु आयुष्य की स्थिति की अपेक्षा से कृष्णलेश्यी जीव अल्पकर्मी और नीललेश्यी
ㄓ
5 जीव महाकर्मी भी हो सकता है। उदाहरणार्थ- सप्तम नरक में उत्पन्न कोई कृष्णलेश्यी नैरयिक है, जिसने अपने
फ्र
आयुष्य की बहुत-सी स्थिति क्षय कर दी है, इस कारण उसने बहुत-से कर्म भी क्षय कर दिये हैं, किन्तु उसकी 5
卐
卐
Bhagavati Sutra (2)
卐
(374)
For Private & Personal Use Only
फ्र
卐
卐
卐
www.jainelibrary.org