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१३. [ प्र. ] भगवन् ! तमस्काय का वर्ण कैसा है ?
[उ. ] गौतम ! तमस्काय वर्ण से काला, काली कान्ति वाला, गम्भीर (गहरा ), रोमहर्षक ( रोंगटे खड़े करने वाला), भीम ( भयंकर), उत्त्रासजनक और परम कृष्ण है । कोई एक देव भी उस तमस्काय को देखते ही सर्वप्रथम तो घबरा जाता है। कदाचित् कोई देव उस तमस्काय में प्रवेश करता है तो वह शीघ्रातिशीघ्र त्वरित गति से झटपट उसे पार कर जाता है।
13. [Q.] Bhante ! What is the appearance (colour) of Tamaskaaya ?
[Ans.] Gautam ! In appearance Tamashaaya is black, with a black hue, dense, gruesome, hideous, terrifying and deep black. At its first sight even a god is horrified. If by chance a god enters it, he at once rushes out with great speed.
१४. [ प्र. ] तमुक्कायस्स णं भंते ! कइ नामधेज्जा पण्णत्ता ?
[उ. ] गोयमा ! तेरस नामधेज्ज पण्णत्ता, तं जहा - तमे ति वा, तमुकाए ति वा, अंधकारे इ वा, महंधकारे इवा, लोगंधकारे इ वा, लोगतमिस्से इ वा, देवंधकारे ति वा, देवंतमिस्से ति वा, देवारण्णे ति वा, देववूहे ति वा, देवफलिहे ति वा, देवपडिक्खो भे ति वा, अरुणोदए ति वा समुद्दे ।
१४. [ प्र. ] भगवन् ! तमस्काय के कितने नाम हैं ?
[उ. ] गौतम ! तमस्काय के तेरह नाम हैं, यथा - (१) तम, (२) तमस्काय, (३) अन्धकार, (४) महान्धकार, (५) लोकान्धकार, (६) लोकतमिस्र, (७) देवान्धकार, (८) देवतमिस्र, (९) देवारण्य (देवों के लिए भी अरण्य जंगल के समान भयावह), (१०) देवव्यूह (देवों के लिए भी चक्रव्यूह के समान दुर्भेद्य), (११) देवपरिध (गहरी खाई के समान गति में बाधक), (१२) देवप्रतिक्षोभ (देवों के क्षोभ का विषय), (१३) अरुणोदक समुद्र ।
14. [Q.] Bhante ! How many names Tamashaaya has ?
[Ans.] Gautam ! Tamaskaaya has thirteen names – (1) Tam, (2) Tamaskaaya, (3) Andhakaar, (4) Mahandhakaar, (5) Lokandhakaar, (6) Lokatamisra, (7) Devandhakaar, (8) Devatamisra, (9) Devaranya (terrifying like a forest even for gods), (10) Devavyuha (like a labyrinth impassable even for gods ), (11) Devaparigh (impassable like a gorge), (12) Devapratikshobh (matter of disappointment for gods) and (13) Arunodak Samudra.
१५. [ प्र. ] तमुक्काए णं भंते ! किं पुढविपरिणामे, आउपरिणामे, जीवपरिणामे, पोग्गलपरिणामे ?
[उ. ] गोयमा ! नो पुढविपरिणामे, आउपरिणामे वि, जीवपरिणामे वि, पोग्गलपरिणामे वि ।
छठा शतक : पंचम उद्देशक
Sixth Shatak: Fifth Lesson
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