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[प्र. २ ] भगवन् ! किस कारण से चतुरिन्द्रिय जीवों के उद्योत भी है, अन्धकार भी है ?
[उ.] गौतम ! चतुरिन्द्रिय जीवों के शुभ और अशुभ (दोनों प्रकार के) पुद्गल होते हैं, तथा शुभ
और अशुभ पुद्गल - परिणाम होते हैं, इसलिए उनके उद्योत भी हैं और अन्धकार भी हैं, ऐसा कहा 5 जाता है।
[Q. 2] Bhante ! Why so ?
[Ans.] Gautam ! In (the world of) four-sensed beings auspicious or bright (shubh) as well as inauspicious or dark (ashubh) particles exist and function. That is why there is light (udyot) as well as darkness there.
9. As has been stated with regard to Asur Kumar gods (about light and darkness) so also should be repeated for interstitial gods (Vanavyantar Devs), stellar gods (Jyotishk Devs) and celestial-vehicular 5 gods (Vaimanik Devas).
८. एवं जाव मणुस्साणं ।
९. वाणमंतर - जोतिस - वेमाणिया जहा असुरकुमारा ।
८. इसी प्रकार ( तिर्यञ्च पञ्चेन्द्रिय और ) यावत् मनुष्यों तक के लिए कहना चाहिए । ९. जिस प्रकार असुरकुमारों के विषय में कहा, उसी प्रकार वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक देवों के विषय में भी कहना चाहिए।
8. The same should be repeated (for five sensed animals and so on ) up to human beings.
विवेचन : उद्योत और अन्धकार के कारण-दिन में सूर्य की किरणों के सम्पर्क के कारण पुद्गल का परिणमन परिणाम शुभ होता है, किन्तु रात्रि में सूर्य किरण का सम्पर्क न होने से पुद्गलों का परिणमन अशुभ होता है। नरकों में सूर्य किरणों का प्रकाश नहीं है, इसलिए वहाँ अन्धकार है। पृथ्वीकायिक से लेकर त्रीन्द्रिय तक के 5 जीव, जो मनुष्यक्षेत्र में हैं, और उन्हें सूर्य किरणों आदि का सम्पर्क भी है, फिर भी उनमें अन्धकार कहा है, इसका 5 कारण यह है कि उनके चक्षुरिन्द्रिय न होने से दृश्य वस्तु दिखाई नहीं देती, फलतः शुभ पुद्गलों का कार्य उनमें नहीं फ्र 5 होता, उस अपेक्षा से उनमें अशुभ पुद्गल हैं; अतः उनमें अन्धकार ही है। चतुरिन्द्रिय जीवों से लेकर मनुष्य तक में 5 शुभाशुभ दोनों पुद्गल होते हैं, क्योंकि उनके आँख होने पर भी जब रवि-किरणादि का सद्भाव होता है, तब दृश्य 卐 पदार्थों के ज्ञान में निमित्त होने से उनमें शुभ पुद्गल होते हैं, किन्तु रवि - किरणादि का सम्पर्क नहीं होता, तब पदार्थज्ञान न होने से उनमें अशुभ पुद्गल होते हैं । भवनपति, वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक देवों के रहने के (स्थान) आदि की भास्वरता के कारण वहाँ निरन्तर शुभ पुद्गल हैं, अतएव अन्धकार नहीं उद्योत है। Elaboration-Cause of light and darkness-The consequence (parinaam) of functioning (parinaman) of matter particles is auspicious due to contact with sun rays. However during the night it is inauspicious due to lack of contact with sun rays.
पंचम शतक : नवम उद्देशक
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Fifth Shatak: Ninth Lesson 卐
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