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நிமிமிமிததமிமிமிமிமிமிமிதிமிதிமி ததததததததததி*தமிழிதழி
[.] गौतम ! दिन में शुभ पुद्गल होते हैं शुभ पुद्गलों का परिणमन होता है, किन्तु रात्रि में अशुभ पुद्गल होते हैं, अशुभ पुद्गलों का परिणमन होता है। इस कारण से दिन में उद्योत और रात्रि में अन्धकार होता है।
[Q. 2] Bhante ! Why so ?
[Ans.] Gautam ! During the day auspicious or bright (shubh) particles exist and function, but during the night inauspicious or dark (ashubh) particles exist and function. That is why there is light (udyot) during the day and darkness during the night.
४. [ प्र. १ ] नेरइयाणं भंते! किं उज्जोए, अंधकारे ?
[उ. ] गोयमा ! नेरइयाणं नो उज्जोए, अंधकारे।
४. [ प्र. १ ] भगवन् ! नैरयिकों के ( निवास-स्थान में) उद्योत होता है, अथवा अन्धकार होता है ? [ उ. ] गौतम ! नैरयिक जीवों के (स्थान में) उद्योत नहीं होता, (किन्तु) अन्धकार होता है।
4. [Q. 1] Bhante ! Is there light or darkness in the world of infernal beings ?
[Ans.] Gautam ! In the world of infernal beings there is no light but darkness.
[प्र. २] से केणट्टेणं० ?
[ उ. ] गोयमा ! नेरइयाणं असुभा पोग्गला, असुभे पोग्गलपरिणामे, से तेणट्टेणं० ।
[प्र. २ ] भगवन् ! किस कारण से उद्योत नहीं होता, अन्धकार होता है ?
[ उ. ] गौतम ! नैरयिक जीवों के अशुभ पुद्गल और अशुभ पुद्गल - परिणाम होते हैं, इस कारण से वहाँ उद्यत नहीं, किन्तु अन्धकार होता है।
[Q. 2] Bhante ! Why so ?
[Ans.] Gautam ! In the (world of) infernal beings only inauspicious or dark (ashubh) particles exist and function. That is why there is no light (udyot) but only darkness there.
५. [ प्र. १ ] असुरकुमाराणं भंते ! किं उज्जाते, अंधकारे ?
[ उ. ] गोयमा ! असुरकुमाराणं उज्जोए, नो अंधकारे ।
५. [प्र.१ ] भगवन् ! असुरकुमारों के क्या उद्योत होता है, अथवा अन्धकार होता है ?
[उ.] गौतम ! असुरकुमारों के उद्योत होता है, अन्धकार नहीं होता ।
5. [Q. 1] Bhante ! Is there light or darkness in the world of Asur Kumar gods ?
पंचम शतक नवम उद्देशक
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Fifth Shatak: Ninth Lesson
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