________________
2 95 95 95 96 95 95 49559595959595959595955 595959595959595959@
卐
卐
[ उ. ] (गौतम) उसी प्रकार (सोपचय के पूर्वोक्त कालमानानुसार) सापचय का काल जानना चाहिए। [Q. 2] Bhante ! How long do infernal beings remain with deaugmentation (sapachaya ) ?
[Ans.] Gautam ! The same (as aforesaid regarding sopachaya ).
[प्र. ३ ] केवइयं कालं सोवचय - सावचया ?
[ उ. ] एवं चैव ।
[प्र. ३] और वे सोपचय-सापचय कितने काल तक रहते हैं ?
[उ. ] (गौतम) ! सोपचय का जितना काल कहा है, उतना ही सोपचय - सापचय का काल
5 जानना चाहिए।
卐
卐
卐
卐
[प्र. २ ] केवइयं कालं सावचया ?
फ्र
[Q 4] Bhante ! How long do infernal beings remain without 卐 5 augmentation and de-augmentation (nirupachaya-nirapachaya ) ?
卐
卐
卐
[ उ. ] एवं चेव ।
[प्र. २ ] भगवन् ! नैरयिक कितने काल तक सापचय रहते हैं ?
卐
[Q. 3] Bhante ! How long do infernal beings remain with augmentation and de-augmentation (sopachaya-sapachaya ) ?
[Ans.] Gautam ! The same (as aforesaid regarding sopachaya ). [प्र. ४ ] केवइयं कालं निरुवचय - निरवचया ?
[उ. ] गोयमा ! जहन्त्रेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता।
[प्र.४ ] नैरयिक कितने काल तक निरुपचय - निरपचय रहते हैं ?
[उ. ] गौतम ! नैरयिक जीव जघन्य एक समय और उत्कृष्ट बारह मुहूर्त्त तक निरुपचय - निरपचय रहते हैं ।
फ्र
[Ans.] Gautam ! Infernal beings remain without augmentation and
de-augmentation (nirupachaya-nirapachaya ) for a minimum of one
5 augmentation (sopachaya-sapachaya ).
(148)
Samaya and maximum of twelve Muhurts.
२६. एगिंदिया सव्वे सोवचय- सावच्या सव्वद्धं ।
२६. सभी एकेन्द्रिय जीव सर्वकाल (सर्वदा) सोपचय -सापचय रहते हैं।
26. All one-sensed beings always remain with augmentation and de
भगवती सूत्र ( २ )
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
295 5 5 5 5 5959595959 5555955959595959 555 595959595555 456 452
Bhagavati Sutra (2)
फ्र
www.jainelibrary.org