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Ahoratra (days and nights) and 20 Muhurt. (8) Gods of Brahmalok divine realm for 45 Ahoratra (days and nights). (9) Gods of Lantak divine realm for 90 Ahoratra (days and nights). (10) Gods of Mahashukra divine realm for 160 Ahoratra (days and nights). (11) Gods of Sahasrar divine realm for 200 Ahoratra (days and nights). (12) Gods of Anat and Pranat divine realm for countable months. (13) Gods of Aran and Achyut divine realm for countable years. (14) Same is true for Gods of nine Graiveyak divine realms. (15) Celestial-vehicular Gods of Vijaya, Vaijayant, Jayant and Aparajit divine realms for innumerable thousand years. (16) Celestialvehicular Gods of Sarvarth Siddha divine realm for countable fraction of one Palyopam (a metaphoric unit of time ).
It should be stated that all these increase and decrease (in numbers) for a minimum of one Samaya and maximum of uncountable fraction of an Avalika, the duration of remaining constant being aforesaid.
२०. [प्र.१ ] सिद्धाणं भंते ! कवेइयं कालं वडूढंति ?
[उ. ] गोयमा ! जहण्णेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं अट्ठ समया ।
२०. [ प्र. १ ] भगवन् ! सिद्ध कितने काल तक बढ़ते हैं ?
[ उ. ] गौतम ! जघन्यतः एक समय और उत्कृष्टतः आठ समय तक सिद्ध बढ़ते हैं।
20. [Q. 1] Bhante ! How long do liberated beings ( Siddhas) increase ? [Ans.] Gautam ! Liberated beings increase for a minimum of one Samaya and maximum of eight Samayas.
[प्र. २] केवइयं कालं अवट्टिया ?
[उ. ] गोयमा ! जहन्त्रेणं एक्कं समयं, उक्कोसेणं छम्मासा ।
[प्र. २ ] भगवन् ! सिद्ध कितने काल तक अवस्थित रहते हैं ?
[ उ. ] गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट छह मास तक सिद्ध अवस्थित रहते हैं।
[Q. 2] Bhante ! How long do liberated beings ( Siddhas) remain constant ? [Ans.] Gautam ! Liberated beings remain constant for a minimum of one Samaya and maximum of six months.
विवेचन : वृद्धि, हानि और अवस्थिति का तात्पर्य-संसार का शाश्वत नियम है, जीव-अजीव नहीं बनता, अजीव - जीव नहीं बनता । संसार में न तो कोई नया जीव उत्पन्न होता और न किसी जीव का अस्तित्व समाप्त होता है। नैरयिक आदि चौबीसदण्डक के जीव के पर्याय विशेष हैं। इसलिए इनमें हानि - वृद्धि होती रहती है। कोई भी जीव जब बहुत उत्पन्न होते हैं और थोड़े मरते हैं, तब 'वे बढ़ते हैं', ऐसा कहा जाता है और जब वे बहुत मरते हैं और थोड़े उत्पन्न होते हैं, तब 'वे घटते हैं', ऐसा कहा जाता है। जब उत्पत्ति और मरण
Fifth Shatak: Eighth Lesson
पंचम शतक अष्टम उद्देशक
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