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[उ. ] गोयमा ! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं। २७. [प्र. ] भगवन् ! शब्दपरिणत पुद्गल का अन्तरकाल की अपेक्षा कितना होता है ? [उ. ] गौतम ! जघन्य एक समय का, उत्कृष्ट असंख्येय काल का अन्तर होता है।
27. [Q.] Bhante ! What is the intervening period (of re-transformation) for a paramanu-pudgal turned into sound? __[Ans.] Gautam ! (The intervening period is-) A minimum of one Samaya and a maximum of immeasurable time.
२८. [प्र. ] असद्दपरिणयस्स णं भंते ! पोग्गलस्स अंतरं कालओ केवच्चिरं होइ ? [उ. ] गोयमा ! जहण्णेणं एगं समयं, उक्कोसेणं आवलियाए असंखेज्जइभाग। २८. [प्र. ] भगवन् ! अशब्दपरिणत पुद्गल का अन्तरकाल की अपेक्षा कितना होता है ? [उ. ] गौतम ! जघन्य एक समय का और उत्कृष्ट आवलिका के असंख्येय भाग का होता है।
28. [Q.] Bhante ! What is the intervening period (of re-transformation) for a paramanu-pudgal not turned into sound?
[Ans.] Gautam ! (The intervening period is—) A minimum of one Samaya and a maximum of innumerable fraction of an Avalika. म स्थानायु का अल्प-बहुत्व MAXIMUM AND MINIMUM PERIOD OF EXISTENCE
२९. [प्र.] एयस्स णं भंते ! दवट्ठाणाउयस्स खेत्तट्ठाणाउयस्स ओगाहणट्ठाणाउयस्स भावट्ठाणाउयस्स + कयरे कयरेहितो जाव विसेसाहिया वा ? 3 [उ.] गोयमा ! सव्वत्थोवे खेत्तट्ठाणाउए, ओगाहणट्ठाणाउए असंखेज्जगुणे, दवट्ठाणाउए असंखेज्जगुणे, भावट्ठाणाउए असंखेज्जगुणे।
खेत्तोगाहण-दव्वे भावहाणाउयं च अप्पबहुं।
खेत्ते सव्वत्थोवे सेसा ठाणा असंखगुणा ॥१॥ म २९. [प्र. ] भगवन् ! द्रव्यस्थानायु, क्षेत्रस्थानायु, अवगाहनास्थानायु और भावस्थानायु; इन सबमें
कौन, किससे कम, अधिक, तुल्य और विशेषाधिक है ? म [उ. ] गौतम ! सबसे कम क्षेत्रस्थानायु है, उससे अवगाहनास्थानायु असंख्येयगुणा है, उससे द्रव्यस्थानायु असंख्येयगुणा है और उससे भावस्थानायु असंख्येयगुणा है।
गाथा का भावार्थ-क्षेत्रस्थानायु, अवगाहनास्थानायु, द्रव्यस्थानायु और भावस्थानायु; इनका अल्पबहुत्व कहना चाहिए। इनमें क्षेत्रस्थानायु सबसे अल्प है, शेष तीन स्थानायु क्रमशः असंख्येयगुणा हैं। 卐 29. [Q.] Bhante ! Which one of these periods is comparatively less, 卐
more, equal and much more-dravya-sthaan-ayu (period of existence as
भगवती सूत्र (२)
(118)
Bhagavati Sutra (2)
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