________________
5555555555555555555555)))))))
-
O
-
- - TEIICCCC
अजामा
-
अविरदिशा
F5555FFFFFFFFFFFFFFFF听听听听听听听听听听听听听 5 55 F$$$$$ $$$ $$
[Ans. Gautam ! They inhale and exhale in a minimum period of seven Stok and a maximum period of Muhurt-prithaktva (anything between two to nine Muhurts). __ [३-प्र. ३ ] नागकुमाराणं भंते ! आहारट्ठी ?
[उ. ] हंता, गोयमा ! आहारट्ठी। [३-प्र. ३ ] भगवन् ! क्या नागकुमार देव आहारार्थी होते हैं ? [ उ. ] हाँ, गौतम ! वे आहारार्थी होते हैं। [3-Q.3] Bhante ! Have the Naag Kumars a desire for food (intake) ? (Ans.) Yes, Gautam ! They have the desire for food (intake). [३-प्र. ४ ] नागकुमाराणं भंते ! केवइकालस्स आहारटे समुप्पज्जइ ?
[उ.] गोयमा ! नागकुमाराणं दुविहे आहारे पण्णत्ते। तं जहा-आभोगनिव्वत्तिए य अणाभोगनिव्वत्तिए य। तत्थ णं जेरे
तत्थ णं जे से आभोगनिव्वत्तिए, से जहन्नेणं चउत्थभत्तस्स, उक्कोसेणं दिवस-पहुत्तस्स आहारट्ठे ॐ समुप्पज्जइ। सेसं जहा असुरकुमाराणं जाव चलियं कम्मं निज्जरेंति, नो अचलियं कम्मं निजरेंति।
___ [३-प्र. ४ ] भगवन् ! नागकुमार देवों को कितने काल के अनन्तर आहार की अभिलाषा उत्पन्न ॐ होती है ?
[उ.] गौतम ! नागकुमार देवों का आहार दो प्रकार का है-आभोगनिवर्तित और ॐ अनाभोगनिर्वर्तित। इनमें जो अनाभोगनिर्वर्तित आहार है, वह प्रतिसमय विरहरहित (सतत) होता है; 9 म किन्तु आभोगनिर्वर्तित आहार की अभिलाषा जघन्यतः चतुर्थभक्त (एक अहोरात्र) के पश्चात् और 5 है उत्कृष्टतः दिवस-पृथक्त्व (दो दिवस से लेकर नौ दिवस तक) के बाद उत्पन्न होती है। शेष “चलित कर्म म की निर्जरा करते हैं, किन्तु अचलित कर्म की निर्जरा नहीं करते"; यहाँ तक सारा वर्णन असुरकुमार + देवों की तरह समझ लेना चाहिए।
[3—Q. 4) Bhante ! After what interval of time Naag Kumars have desire for food (intake).
[Ans.] Gautam ! The intake of Naag Kumarsis of two kinds-aabhog nirvartit (voluntary intake) and anaabhog nirvartit (involuntary intake). The involuntary intake continues every moment. (But) the desire for voluntary intake comes after a minimum gap of Chaturthabhakta (one day and night) and a maximum gap of Divas-prithaktva (anything between two to nine Muhurts). After this read the statements mentioned in the discussion about Asur Kumars up to 'they shed the chalit (shifted) karmas but not the achalit (unmoved) karmas'.
u听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 5 5 55 55555555555558
भगवतीसूत्र (१)
(26)
Bhagavati Sutra (1)
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org