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that are beautiful, have good complexion, are likeable, desirable and enchanting. They continue to transform into noble and not ignoble forms as also in the form of happiness and not misery.
[ २ - प्र. ६ ] असुरकुमाराणं पुव्वाहारिया पुग्गला परिणया ?
[उ.] असुरकुमाराभिलावेणं जहा नेरइयाणं जाव। चलियं कम्मं निज्जरंति ।
[ २–प्र. ६ ] भगवन् ! क्या असुरकुमारों द्वारा आहृत- पहले आहार किये हुए पुद्गल परिणत हुए ?
[उ.] गौतम ! असुरकुमारों के अभिलाप में, अर्थात् - नारकों के स्थान पर 'असुरकुमार' शब्द का प्रयोग करके चलित कर्म की निर्जरा करते हैं, यहाँ तक सभी आलापक नारकों के समान ही समझने चाहिए।
[2 - Q. 6] Bhante ! Did the matter particles ingested by Asur Kumars in the past get transformed?
[Ans.] Gautam ! In this discussion about Asur Kumars read statements mentioned in the discussion about infernal beings up
नागकुमार चर्चा NAAG KUMARS
[ ३ - प्र. १ ] नागकुमाराणं भंते ! केवइयं कालं टिती पण्णत्ता ?
[उ. ] गोयमा ! जहन्त्रेणं दस वाससहस्साई, उक्कोसेणं देसूणाई दो पलिओवमाई ।
[ ३–प्र. १ ] भगवन् ! नागकुमार देवों की स्थिति कितने काल की है ?
[उ. ] गौतम ! जघन्य दस हजार वर्ष की और उत्कृष्ट देशोन कुछ कम दो पल्योपम की है। [3 - Q.1] Bhante ! What is the life-span of the Naag Kumars ?
they shed the chalit (shifted) karmas' replacing 'infernal beings' with Asur Kumars.
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F प्रथम शतक: प्रथम उद्देशक
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[Ans.] Gautam ! It is minimum ten thousand years and maximum slightly less than two Palyopam (a metaphoric unit of time).
[ ३ - प्र. २ ] नागकुमाराणं भंते ! केवइकालस्स आणमंति वा पाणमंति वा ?
[उ. ] गोयमा ! जहन्त्रेणं सत्तण्हं थोवाणं, उक्कोसेणं मुहुत्तपुहत्तस्स आणमंति वा पाणमंति वा ।
[ ३–प्र. २ ] भगवन् ! नागकुमार देव कितने समय में श्वास लेते हैं और छोड़ते हैं ?
[ उ. ] गौतम ! जघन्य सात स्तोक में और उत्कृष्ट मुहूर्त्त - पृथक्त्व में (दो मुहूर्त्त से लेकर नौ मुहूर्त्त के अन्दर किसी भी समय) श्वासोच्छ्वास लेते हैं ।
[3 - Q. 2] Bhante ! What is the duration of inhalation, exhalation, breathing in and breathing out of the Naag Kumars?
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First Shatak: First Lesson
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