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[उ. ] (प्रज्ञापना- सूत्रोक्त ) सातवें उच्छ्वास पद के अनुसार समझना चाहिए। (विवेचन पढ़ें)
6. [1— Q. 1] Bhante ! What is the life span of the infernal beings ? [the first numeral stands for dandak (place of suffering) and second for the 5 question].
[Ans.] Gautam ! The minimum life-span of the infernal beings is
ten thousand years and the maximum is thirty three Sagaropam
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5 (a metaphoric unit of time).
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फ्र
फ्र
फ्र
[उ. ] हे गौतम ! जघन्य (कम से कम) दस हजार वर्ष की और उत्कृष्ट ( अधिक से अधिक) तैंतीस 5 सागरोपम की है।
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[१ - प्र. २ ] भगवन् ! नारक कितने काल (समय) में श्वास लेते हैं और कितने समय में श्वास 5
छोड़ते हैं- कितने काल में उच्छ्वास लेते हैं और निःश्वास छोड़ते हैं।
[1 - Q. 2] Bhante ! What is the duration of inhalation, exhalation, breathing in and breathing out of the infernal beings?
It should be read as mentioned in Uchchhavasapad
(Respiration), the seventh chapter of Prajnapana Sutra. (see elaboration)
[Ans.]
[ १ - प्र. ३ ] नेरइया णं भंते ! आहारट्ठी ?
[उ. ] जहा पण्णवणाए पढमए आहार उद्देसए तथा भाणियव्वं ।
गाहा - ठिति उस्सासाहारे किं वाऽऽहारेंति सव्वओ वा वि ।
कतिभागं सव्वाणि वकीस व भुज्जो परिणमंति ? ॥२॥
[ १ - प्र. ३] भगवन् ! क्या नैरयिक आहारार्थी होते हैं ?
[1-Q.3] Bhante! Have the infernal beings desire for food (intake)?
[Ans.] It should be read as mentioned in the first lesson of Ahaar-pad (Food; the twenty eighth chapter) of Prajnapana Sutra.
[उ.] गौतम ! प्रज्ञापनासूत्र के आहारपद (२८वें) के प्रथम उद्देशक के अनुसार समझ लेना । गाथार्थ - नारक जीवों की स्थिति, उच्छ्वास तथा आहार - सम्बन्धी कथन करना चाहिए। क्या वे आहार करते हैं ? क्या समस्त आत्म-प्रदेशों से आहार करते हैं ? कितने भाग का आहार करते हैं या फ्र सर्व- आहारक द्रव्यों का आहार करते है ? और वे आहारक द्रव्यों को किस रूप में बार-बार परिणमाते हैं ? ( उत्तर देखें विवेचन में)
The verse-The life-span, respiration and food intake of infernal beings should be studied. Do they have intake? Is the intake from all the soul-space-points? Is the intake in portions or whole? In what form the matter consumed is transformed (repeatedly)? (see elaboration)
भगवतीसूत्र (१)
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Bhagavati Sutra (1)
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