________________
फफफफफफफफफफ
Or does a non-maligned (amaayi; this includes spiritually alert and passion-free) person perform transmutation ?
[Ans.] Gautam ! A maligned ascetic performs transmutation, a nonmaligned ascetic does not perform transmutation.
[प्र. २ ] माइ णं तस्स ठाणस्स अणालोइयपडिक्कंते कालं करेइ कहिं उवज्जइ ?
[ उ. ] गोयमा ! अन्नयरेसु आभिओगिएसु देवलोगेसु देवत्ताए उववज्जइ ।
[प्र. ३] अमायी णं तस्स टाणस्स आलोइयपडिक्कंते कालं करेइ कहिं उवज्जइ ?
[ उ. ] गोयमा ! अन्नयरेसु अणाभिओगिएसु देवलोगेसु देवत्ताए उववज्जइ । सेवं भंते २ त्ति ।
[प्र. २ ] मायी अनगार पूर्वोक्त प्रकार की विकुर्वणा करने के पश्चात् उस (प्रमादरूप दोष) स्थान की आलोचना एवं प्रतिक्रमण किये बिना मृत्यु पाकर कहाँ उत्पन्न होता है ?
[ उ. ] गौतम ! वह अनगार आभियोगिक देवलोकों (अच्युतकल्प तक) में से किसी एक देवलोक में देवरूप में उत्पन्न होता है।
[प्र. ३ ] भगवन् ! अमायी (अप्रमत्त) अनगार उस प्रकार की विकुर्वणा क्रिया करने के पश्चात् पश्चात्तापपूर्वक उक्त प्रमादरूप दोष -स्थान की आलोचना प्रतिक्रमण करने के पश्चात् मरकर कहाँ उत्पन्न होता है ?
[ उ. ] गौतम ! वह अनाभियोगिक (आभियोगिक से इतर) देवलोकों (अच्युतकल्प से ऊपर के) में से किसी देवलोक में देवरूप से उत्पन्न होता है।
हे भगवन् ! यह इसी प्रकार है, भगवन् ! यह इसी प्रकार है ।
[Q. 2] If a maligned ascetic dies without critical review and atonement for the said deed (the act of transmutation), where does he reincarnate ?
[Ans.] Gautam ! That ascetic reincarnates as a god in one of the Aabhiyogik Dev-loks. (divine realms up to Achyut Kalp)
[Q. 3] Bhante ! If a non-maligned ascetic dies after doing critical review and atonement for that deed (the act of transmutation), where does he reincarnate?
[Ans.] Gautam ! That ascetic reincarnates as a god in one of the Anabhiyogik Dev-loks. (divine realms above Achyut Kalp).
"Bhante! Indeed that is so. Indeed that is so." With these words... and so on up to... ascetic Gautam resumed his activities.
तृतीय शतक : पंचम उद्देशक
(481)
Jain Education International
நிதிமிதிமி55**************************மிழ்
Third Shatak: Fifth Lesson
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org