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4 (8) a thing that is dying as dead ? (9) a thing (karma) that is being shed as shed ?
[Ans.] Yes, Gautam ! It is so. (It is proper to express with certainty ॐ about-) a thing that is moving as moved... and so on up to... a thing (karma) that is being shed as shed.
[प्र. २ ] एए णं भंते ! नव पदा किं एगट्ठा नाणाघोसा नाणावंजणा उदाहु नाणट्ठा नाणाघोसा नाणावंजणा ?
[उ. ] गोयमा ! (१) चलमाणे चलिए, (२) उदीरिजमाणे उदीरिए, (३) वेइज्जमाणे वेइए, (४) पहिज्जमाणे पहीणे, एए णं चत्तारि पदा एगट्ठा नाणाघोसा नाणावंजणा उप्पत्रपक्खस्स।
(१) छिज्जमाणे छिने-(२) भिज्जमाणे भिन्ने, (३) डज्झमाणे डड्ढे, (४) मिज्जमाणे मडे, 卐 (५) निजरिज्जमाणे निजिण्णे, एए णं पंच पदा नाणट्ठा नाणाघोसा नाणावंजणा विगतपक्खस्स।
[प्र. २ ] भगवन् ! क्या ये नौ पद, नाना-घोष और नाना-व्यंजनों वाले एकार्थक हैं ? अथवा ॐ नाना-घोष वाले और नाना-व्यंजनों वाले भिन्नार्थक पद हैं ?
[उ. ] हे गौतम ! (१) जो चल रहा है, वह चला, (२) जो उदीरा जा रहा है, वह उदीर्ण हुआ, 卐 (३) जो वेदा जा रहा है, वह वेदा गया, और (४) जो नष्ट हो रहा है, वह नष्ट हुआ, ये चारों पद उत्पन्न + पक्ष की अपेक्षा से एकार्थक, नाना-घोष वाले और नाना-व्यंजनों वाले हैं तथा (१) जो छेदा जा रहा है,
वह छिन्न हुआ, (२) जो भेदा जा रहा है, वह भिन्न हुआ, (३) जो दग्ध हो रहा है, वह दग्ध हुआ, म (४) जो मर रहा है, वह मरा, और (५) जो निर्जीण किया जा रहा है, वह निर्जीर्ण हुआ, ये पाँच पद के विगत पक्ष की अपेक्षा से नाना अर्थ वाले, नाना-घोष वाले और नाना-व्यंजनों वाले हैं।
[Q.2] Bhante ! Do these nine sentences have the same meaning with 4i different sounds and different nuances ? Or have they different ! meanings with different sounds and different nuances ?
(Ans.] Gautam ! The four statements that (1) a thing that is moving as moved, (2) a thing (karma) that is fructifying as fructified, (3) a thing (karma) that is being experienced as experienced, (4) a thing (karma) that is falling or separating as fallen or separated have the same 451 meaning with different sounds and different nuances because they are in the state of formation (present). The four statements that (1) a thing (karma) that is being cut as cut, (2) a thing (karma) that is being pierced
as pierced, (3) a thing (karma) that is burning as burnt, (4) a thing that fi is dying as dead, and (5) a thing (karma) that is being shed as shed, have fi different meanings with different sounds and different nuances because they are in the context of the state of conclusion (past).
विवेचन : भगवान महावीर का कथन था कि जो कार्य प्रारम्भ हो चुका है, उसके लिए किया, हो गया, आदि सम्पन्नता सूचक भूतकालिक क्रिया प्रयोग किया जा सकता है। जो चलने लगा उसे 'चला' कहा जा सकता ॥
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प्रथम शतक : प्रथम उद्देशक
(11)
First Shatak: First Lesson
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