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**************தமிமிமிமிததமிமிமிமிததததததததிதி
(ठीक) ऊपर (आकाश में) चारों दिशाओं और चारों कोनों (विदिशाओं) में सामने खड़े ( स्थित होकर )
जहाँ ताम्रलिप्ती नगरी थी, जहाँ मौर्यपुत्र तामली तापस था, वहाँ आये और तामली बाल - तपस्वी के 5
5 दिव्य देव ऋद्धि, दिव्य देव -द्युति, दिव्य देव - प्रभाव और बत्तीस प्रकार की दिव्य नाटकविधि बतलाई ।
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इसके पश्चात् तामली बाल - तपस्वी की दाहिनी ओर से तीन बार प्रदक्षिणा की, उसे वन्दन -
निवासी बहुत-से असुरकुमार देव और देवीवृन्द आप देवानुप्रिय को वन्दन - नमस्कार करते हैं यावत्
आपकी पर्युपासना करते हैं । हे देवानुप्रिय ! (इस समय ) हमारी बलिचंचा राजधानी इन्द्र और पुरोहित
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5 नमस्कार किया । वन्दन - नमस्कार करके वे इस प्रकार बोले - हे देवानुप्रिय ! हम बलिचंचा राजधानी के फ
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5 से विहीन है और हे देवानुप्रिय ! हम सब इन्द्राधीन और इन्द्राधिष्ठित रहने वाले हैं और हमारे सब कार्य
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इन्द्राधीन होते हैं। इसलिए हे देवानुप्रिय ! आप बलिचंचा राजधानी (के अधिपतिपद ) का आदर करें
(अपनायें)। उसके स्वामित्व को स्वीकार करें, उसका मन में भलीभाँति स्मरण (चिन्तन) करें, उसके
5 लिए ( मन में) निश्चय करें, उसका (बलिचंचा राजधानी के इन्द्र पद की प्राप्ति का ) निदान करें,
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बलिचंचा में उत्पन्न होकर स्थिति (इन्द्ररूप में निवास करने का संकल्प (निश्चय) करें। यदि (बलिचंचा
capital city, is at present without an overlord and a priest-god. Beloved of
gods! We all have been subjects of an Indra and governed by an Indra (till now). All our activities are conducted under his guidance. O Beloved of gods! This naive-hermit Tamali has demarcated a limited area to the north-east of Tamralipti city and is spending his time enriching his soul by observing the ultimate vow (sallekhana), abandoning food and water completely and commencing the padapopagaman santhara."
राजधानी के अधिपति-पदप्राप्ति का आपका विचार स्थिर हो जायेगा, तब ) आप मृत्यु प्राप्त करके
बलिचंचा राजधानी में उत्पन्न होंगे। फिर आप हमारे इन्द्र बन जायेंगे और हमारे साथ दिव्य काम-भोगों 5 भोगते हुए विहरण करेंगे।
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30. During that period of time Balichancha, the capital city, (of f Asurendra Bali, the Indra of Asur Kumars), was without an Indra (overlord) and a Purohit (the priest-god). At that time many Asur Kumar gods and goddesses residing in Balichancha, the capital city, saw Tamali, the naive hermit. On seeing him they called each other and
5 deliberated - "Beloved of gods ! (You are aware that ) Balichancha, the 5
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the capital city, and came to Ruchakendra Utpat mountain. There they
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卐 भगवतीसूत्र (१)
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“Therefore, Beloved of gods ! It is good for us to inspire naive hermit 5 Tamali to decide to come to Balichancha, the capital city, and live here as our Indra." After these deliberations they committed to each other to act
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(as deliberated). Then they all passed through the heart of Balichancha,
secondary transmuted forms (uttar-vaikriya rupa). Then with an
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( 382 )
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Bhagavati Sutra (1)
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