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earth-bodied beings) up to Jyotishk Devs (Stellar gods) have 卐 innumerable hundred thousand abodes.
५. [प्र. ] सोहम्मे णं भंते ! कप्पे कति विमाणावाससतसहस्सा पण्णत्ता ? [ उ. ] गोयमा ! बत्तीसं विमाणावाससतसहस्सा पण्णत्ता। एवं
बत्तीसऽट्ठावीस बारस अट्ठ चउरो सयसहस्सा। पण्णा चत्तालीसा छच्च सहस्सा सहस्सारे॥४॥ आणय-पाणयकप्पे चत्तारि सताऽऽरण-ऽच्चुए तिण्णि। सत्त विमाणसताइं चउसु वि एएसु कप्पेसुं॥५॥ एक्कारसुत्तरं हेडिमेसु सत्तुत्तरं च मज्झिमए।
सतमेगं उवरिमए पंचेव अणुत्तरविमाणा॥६॥ ५. [प्र. ] भगवन् ! सौधर्मकल्प में कितने विमानावास हैं ?
[उ. ] गौतम ! वहाँ बत्तीस लाख विमानावास हैं। क्रमशः बत्तीस लाख, अट्ठाईस लाख, बारह लाख, म आठ लाख, चार लाख, पचास हजार तथा चालीस हजार विमानावास हैं। सहस्रारकल्प में छह हजार
विमानावास हैं। आणत और प्राणत कल्प में चार सौ, आरण और अच्युत में तीन सौ, इस तरह चारों 9 में मिलकर सात सौ विमान हैं। अधस्तन (निचले) ग्रैवेयक त्रिक में एक सौ ग्यारह, मध्यम (बीच के) 5 ग्रैवेयक त्रिक में एक सौ सात और ऊपर के ग्रैवेयक त्रिक में एक सौ विमानावास हैं। अनुत्तर
विमानावास पाँच ही हैं। म 5. [Q.] Bhante ! How many hundred thousand celestial-vehicular
abodes (vimaan vaas) are there in Saudharma kalp (a specific divine
realm)? म [Ans.] Gautam ! In Saudharma kalp there are thirty two hundred
thousand abodes. In the same way other divine realms have twenty eight hundred thousand (in Ishan kalp), twelve hundred thousand (in
Sanatkumar kalp), eight hundred thousand (in Maahendra kalp), four 卐 hundred thousand (in Brahmalok kalp), fifty thousand (in Lantak kalp) and
forty thousand (in Mahashukra kalp) celestial-vehicular abodes. Sahasrar kalp has six thousand celestial-vehicular abodes. Anat and Pranat kalps have in all four hundred and Aran and Achyut have in all three hundred making a total of seven hundred celestial-vehicular abodes for this group of four. The lower trio of Graiveyaks has one hundred eleven, middle trio has one hundred seven and the upper trio has one hundred celestial-vehicular abodes. There are only five Anuttar celestial-vehicular abodes.
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भगवतीसूत्र (१)
(118)
Bhagavati Sutra (1)
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