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15. Three statements each, as stated about chhadmasth should be 5 repeated for normal avadhi jnani (aadhovadhik) and ultimate avadhi jnani (paramadhovadhik). (Avadhi Jnana = knowledge acquired through extrasensory perception of the physical dimension, something akin to clairvoyance).
केवली की मुक्ति LIBERATION OF OMNISCIENT
१६. [ प्र. ] केवली णं भंते! मणूसे अतीतमणंतं सासयं समयं जाव अंतं करेंसु ?
[उ. ] हंता, सिज्झिंसु जाव अंतं करेंसु । एते तिण्णि आलावगा भाणियव्वा छउमत्थस्स जहा, नवरं 5 सिज्झिंसु, सिज्झंति, सिज्झिस्संति ।
१६. [ प्र. ] भगवन् ! बीते हुए अनन्त शाश्वतकाल में केवली मनुष्य ने यावत् सर्व दुःखों का 5 अन्त किया है ?
[ उ. ] हाँ, गौतम ! वह सिद्ध हुआ, यावत् उसने समस्त दुःखों का अन्त किया है। यहाँ भी छद्मस्थ
के समान ये तीन आलापक कहने चाहिए। विशेष यह है कि सिद्ध हुआ, सिद्ध होता है और सिद्ध होगा, इस प्रकार तीन आलापक कहने चाहिए।
16. [Q.] Bhante ! In the endless eternal past has a kevali person (the omniscient) been able to get perfected (Siddha), enlightened (buddha), and so on up to... end all miseries?
[उ. ] हंता, गोयमा ! तीतमणंतं सासतं समयं जाव अंतं करेस्संति वा ।
[Ans.] Yes, Gautam ! He got perfected (Siddha), enlightened 5 (buddha), and so on up to... end all miseries. Here also the three statements (for past, present and future) as stated in context of chhadmasth should be repeated with change in tense.
[उ. ] हाँ, गौतम ! बीते हुए अनन्त शाश्वतकाल में
१७. [ प्र. ] से नूणं भंते! तीतमणंतं सासयं समयं, पडुप्पन्नं वा सासयं समयं, अणागतमतं वा सासयं समयं जे केइ अंतकरा वा अंतिमसरीरिया वा सव्यदुक्खाणमंतं करेंसु वा करेंति वा, करिस्संति वा 5 सव्वं ते उप्पन्ननाणदंसणधरा अरहा जिणे केवली भवित्ता तओ पच्छा सिज्झंति जाव अंतं करेस्संति वा ?
भगवतीसूत्र (१)
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१७. [ प्र. ] भगवन् ! बीते हुए अनन्त शाश्वतकाल में, वर्तमान शाश्वतकाल में और अनन्त शाश्वत भविष्यकाल में जिन अन्तकरों ने अथवा चरमशरीरी पुरुषों ने समस्त दुःखों का अन्त किया है, 5 करते हैं या करेंगे; क्या वे सब उत्पन्न ज्ञान - दर्शनधारी, अर्हन्त, जिन और केवली होकर तत्पश्चात् सिद्ध, बुद्ध आदि होते हैं, यावत् सब दुःखों का अन्त करेंगे ?
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यावत् सब दुःखों का अन्त करेंगे।
17. Bhante ! In the past, present and future endless eternal time 5 those who have ended all karmas or have reincarnated for the last time
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Bhagavati Sutra (1)
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