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*******************************தமிழிதழின்
15 (३) विषमायुष्क समोपपत्रक (विषम आयु वाले, किन्तु एक साथ उत्पन्न हुए), और (४) विषमायुष्क
卐 विषमोपपन्नक (विषम आयु वाले और पहले पीछे उत्पन्न हुए)। इसी कारण हे गौतम! ऐसा कहा जाता है
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5 कि सभी नारक समान आयु वाले और एक साथ उत्पन्न होने वाले नहीं हैं।
[Q. [7] Bhante ! Do all infernal beings have the same life span and simultaneous genesis?
[Ans.] Gautam ! That is not possible.
[Q.] Bhante ! Why do you say so ?
[Ans.] Gautam ! Infernal beings are said to be of four kinds
(1) Samayushk samopapannak-with same life-span and simultaneous
genesis, (2) Samayushk vishamopapannak-with same life-span and
staggered genesis, (3) Vishamayushk samopapannak-with varied 5 life-span and simultaneous genesis, and (4) Vishamayushk vishamopapannak-with varied life-span and staggered genesis. That is
卐 why, Gautam ! It is said that all infernal beings do not have the same 卐 life-span and simultaneous genesis.
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卐 असुरकुमारादि की समानत्व चर्चा SIMILARITIES IN ASUR KUMARS AND OTHER GODS
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卐 ६. [ प्र. १ ] असुरकुमारा णं भंते ! सव्वे समाहारा ? सव्वे समसरीरा ?
卐 [उ. ] जहा नेरइया तहा भाणियव्वा । नवरं कम्म - वण्ण-लेसाओ परित्थल्लेयव्वाओ - पुब्बोववन्नगा
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5 महाकम्मतरागा, अविसुद्धवण्णतरागा, अविसुद्धलेसतरागा । पच्छोववन्त्रगा पसत्था। सेसं तहेव । [२] एवं
जाव णकुमारा ।
६. [ प्र. १ ] भगवन् ! क्या सब असुरकुमार समान आहार वाले और समान शरीर वाले हैं ?
[उ.] गौतम ! असुरकुमारों के सम्बन्ध में सब वर्णन नैरयिकों के समान ही समझना चाहिए ।
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5 प्रशस्त हैं। शेष सब पहले के समान जानना चाहिए। [२] इसी प्रकार (नागकुमारों से लेकर) यावत्
5 स्तनितकुमारों (तक) समझना चाहिए।
विशेषता यह है कि असुरकुमारों के कर्म, वर्ण और लेश्या नैरयिकों से विपरीत अर्थात्-पूर्वोपपन्नक
असुरकुमार महाकर्म वाले, अविशुद्ध वर्ण वाले और अशुद्ध लेश्या वाले हैं, जबकि पश्चादुपपन्नक
6. [Q. 1] Bhante ! Do all Asur Kumars have the same intake and body 5 (physical dimensions ) ?
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[Ans.] Gautam ! All the description regarding Asur Kumars should be
read as that stated about infernal beings. The only difference is that the karma, colour and leshya of Asur Kumars are in reverse order than those
of infernal beings. In other words the Purvopapannak (born earlier) Asur
Kumars are with heavy karmas, impure colours and impure leshyas
भगवतीसूत्र (१)
(58)
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Bhagavati Sutra (1)
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