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कलिकाल सर्वज्ञ : हेमचन्द्राचार्य बहुत दिनों तक जंगलों की खाक छानने के बाद एक दिन कुमारपाल अपनी बहन प्रेमलदेवी से मिलने पाटन आया। उसके बहनोई कृष्णदेव पाटन के सेनानायक थे। उन्होंने कुमारपाल से कहा
कुमार ! तुम उचित समय पर आये हो, महाराज सिद्धराज मृत्यु शैय्या पर पड़े हैं। अतः अब निश्चिंत होकर यहीं रहो।
सात दिन बाद सिद्धराज की मृत्यु हो गई और मन्त्रियों ने मिलकर महान सत्वशाली कुमारपाल को गुजरात का राजा बना दिया। #
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महाराज कुमारपाल
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कुछ दिनों बाद आचार्य हेमचन्द्र सूरि पाटन पधारे। महाराज कुमारपाल को सूचना मिली तो उन्होंने महामंत्री उदयन को कहा
मंत्रीश्वर, हम अपने परम उपकारी गुरुदेव के दर्शन करने चलेंगे।
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Jainfक्रम संवत.99९९ मगसर वदि ४/
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