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तृष्णा का जाल कपिल कुछ देर सोचने लगा। कपिला की उदासी और कपिला ने कहागरीबी की पीड़ा उसके हृदय में चुभने लगी। वह बोलामैं ब्राह्मण-पुत्र हूँ। भिक्षा
तुम्हें माँगने की जरूरत माँगकर पेट तो भर सकता क्या है? तुम तो आशीर्वाद हूँ परन्तु माँगने पर धन
देकर भी धन पा सकते हो।। कौन देगा मुझे? S
TEXTUAL
( कैसे? आशीर्वाद देने पर धन कौन
देगा?
A
कपिल के मन में उत्साह जाग उठा, कपिल ने दास-कन्या का हाथ पकड़कर कहा
हमारा नगरसेठ 'धन' नित्य प्रातः सबसे पहले आशीर्वाद देने वाले को दो मासा स्वर्ण दान
करता है।
तिब तो मैं अवश्य धन लाकर तुझे दूंगा। कपिला, तुम उदास मत बनो, यह ब्राह्मण कुमार का वचन है।
तुम कितने अच्छे हो कपिल!
Vo
W कपिला का मुझया चेहरा खिल उठा।
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