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शान्ति अवतार भगवान शान्तिनाथ
तीर्थंकर बनकर प्रभु शान्तिनाथ जी अपने उपदेशों से भव्य जीवों का उपकार करते रहे। अपना अन्तिम | समय निकट जानकर सम्मेद शिखर पर्वत पर पधारे और एक हज़ार मुनिवरों के साथ एक मास का अनशन कर निर्वाण प्राप्त किया।।
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